मुंबई/दि.२ – कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से घटे हैं लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों को राहत नहीं मिल रही है क्योंकि नॉन कोविड मरीज़ों की संख्या 80 प्रतिशत बढ़ गई है. मुंबई के कोविड जंबो सेंटर में 98 प्रतिशत बेड खाली हैं और दूसरी तरफ अस्पतालों में नॉनकोविड मरीज़ों के लिए बेड और स्टाफ़ नहीं है. मुंबई के रेजिड़ेंट डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि अस्पतालों में 200 मरीज़ों पर 5 डॉक्टर हैं, जबकि कोविड फ़ैसिलिटी में छह मरीजों पर 40 डॉक्टर हैं. कोविड बेड ख़ाली हैं और आईसीयू में गिने चुने कोविड मरीज हैं. मुंबई में अब कोरोना के रोज़ाना 500 से भी कम मामले रिपोर्ट हो रहे हैं और मौतें 10 से कम हो रही हैं. मुंबई के नेस्को कोविड जंबो सेंटर में 98 फीसदी बेड खाली पड़े हैं. नेस्को जंबो सेंटर के डीन डॉ नीलम अंद्राडे ने कहा कि ”कुल 2,000 बेड हैं, सिफऱ् 63 मरीज़ हैं यहां. रोज़ाना, 2-3 मरीज़ सिफऱ् आते हैं. लोड बिल्कुल कम हो गया है.
वहीं गैर कोविड मरीज़ों की संख्या 90 फीसदी बढ़ी है. अब आम मरीज़ बेड के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. बीएमसी के केईएम अस्पताल के रेजिड़ेंट डॉक्टर ख़त और मीटिंग के ज़रिए ड्यूटी का बोझ बढऩे की शिकायत कर रहे हैं. उनकी मांग है कि कोविड के लिए बने जंबो सेंटर जो अब खाली हैं वहां भेजे गए डॉक्टर और स्टाफ़ वापस अस्पतालों में लाए जाएं.
केईएम के रेजिड़ेंट डाक्टरों का कहना है कि 99 फीसदी लोड बढ़ गया है, 24 घंटे काम कर रहे हैं, कोई नहीं सुन रहा. कई शिकायतें कर चुके हैं. अब तो कोविड नहीं है लेकिन काम कम नहीं हो रहा.