महाराष्ट्र

दर्जेदार फसलों का महाराष्ट्र ब्रांड तैयार करे- मुख्यमंत्री

खरीफ फसल सीजन में 157 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का नियोजन

मुंबई/ दि.२१ – गुरुवार को हुई खरीफ फसल सीजन पूर्व राज्यस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने कहा कि प्रदेश में आधुनिक तकनीकी और उत्तम अनुसंधान के माध्यम से दर्जेदार फसलों का महाराष्ट्र ब्रांड तैयार किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में खरीफ फसल सीजन पूर्व राज्य स्तरीय बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो बिकेगा उसी की बुआई की जाएगी. इस अभियान के तहत विभिन्न परिकल्पना पर काम किया जा रहा है. सिर्फ फसलों के उत्पादन को बढाना महत्वपूर्ण नहीं है किंतु विभागवार फसलों का वर्गीकरण किया जाना चाहिए. इसके माध्यम से दर्जेदार फसलों का महाराष्ट्र ब्रांड तैयार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध करा देने की आवश्यकता है.
प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने बताया कि राज्य में खरीफ फसल सीजन में 157 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई का नियोजन है. खरीफ सीजन में कपास 43 लाख हेक्टेयर, सोयाबीन 43.50 लाख हेक्टेयर, धान 15.50 लाख हेक्टेयर, मक्का 8.84 लाख हेक्टेयर, अनाज 23 लाख हेक्टेयर और गन्ने की 9.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बुआई होना अपेक्षित है. खरीफ फसल सीजन के लिए 63.64 लाख मेट्रीक टन खाद और 18.26 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है. वर्ष 2021-22 में यूरिया डेढ लाख मेट्रीक टन का साठा करने की योजना है. फिलहाल 30 हजार मेट्रीक टन साठा उपलब्ध है. भुसे ने बताया कि राज्य के कृषि विभाग को बीज तैयार करने के लिए प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है. इसके चलते राज्य में सोयाबीन का 29 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध हुआ है. भुसे ने कहा कि फसलों के उत्पादन का अनुमान निकालने के लिए राज्य के कृषि विभाग और नागपुर के एमआरएससी के संयुक्त प्रयास से महाएग्रिटेक परियोजना शुरु की गई है.

  • उपमुख्यमंत्री : फसल कर्ज हेतू बैंक मिटींग ले

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने किसानों को समय पर फसल कर्ज उपलब्ध कराने के लिए बैंकों को मिटींग आयोजित करने के निर्देश मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को दिए. उन्होंने कहा कि कोरोना की पांबदी के दौरान खाद, बीज व कृषि औजार और मशीनों की दुकानें शुरु रहे. इसके लिए मदद व पुनर्वसन सचिव असीम गुप्ता नियोजन करें.

  • 79 हजार 190 करोड फसल कर्ज देने की योजना

नाबार्ड कर्ज प्रारुप के अनुसार राज्य के किसानों को 79 हजार 190 करोड रुपए फसल कर्ज और 48 हजार 148 करोड रुपए कर्ज व मूलभुत सुविधा के लिए कर्ज देने की योजना है.

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