महाराष्ट्र

सीएस व डीएचओ प्रति कोविड बेड कमा रहे दस हजार रूपये

  •  विधायक रवि राणा ने स्वास्थ्य महकमे पर लगाया सनसनीखेज आरोप

  •  मुंबई में किया पत्रवार्ता को संबोधित, लॉकडाउन हटाये जाने की मांग दोहरायी

  •  विधानसभा में भी मचाया जबर्दस्त हंगामा

मुंबई/दि.2 – इस समय अमरावती जिले में फर्जी तरीके से कोरोना संक्रमितों की संख्या को बढा-चढाकर दिखाया जा रहा है. जिसकी वजह से पूरे देश में अमरावती जिले की बदनामी हो रही है. इस काम में स्वास्थ्य विभाग के बडे अधिकारियोें की मिलीभगत शामिल है और जहां एक ओर निजी कोविड टेस्ट लैब द्वारा फर्जी तरीके से पॉजीटिव रिपोर्ट दी जा रही है. वहीं दूसरी ओर अमरावती के जिला शल्य चिकित्सक व जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा निजी कोविड अस्पतालों से प्रति बेड 10-10 हजार रूपये की कमाई की जा रही है. इस आशय का सनसनीखेज आरोप बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के निर्दलीय विधायक रवि राणा द्वारा यहां पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए लगाया गया.
बता दें कि, अमरावती जिले में लॉकडाउन हटाये जाने की मांग को लेकर विधायक रवि राणा ने मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा मचाया. जिसके बाद उन्होंने यहां पर एक पत्रवार्ता को संबोधित किया. इस पत्रवार्ता में विधायक रवि राणा ने कहा कि, अमरावती की जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने अपनी नाकामियों व विफलताओं को छिपाने के लिए बेहद हडबडी में बिना किसी नियोजन के अमरावती जिले में लॉकडाउन लागू कर दिया. वहीं अमरावती के जिलाधीश ने 28 फरवरी के बाद लॉकडाउन को 8 मार्च तक आगे बढा दिया गया है. लेकिन इस लॉकडाउन की वजह से आम लोगों सहित किसानों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है और व्यापार-व्यवसाय पूरी तरह से बर्बाद हो गये है.
साथ ही उद्योगोें में काम करनेवाले कामगारों को बेरोजगारी का सामना करना पड रहा है. ऐसे में कोरोना को लेकर फर्जीवाडा करनेवाले लोगों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जानी चाहिए और यदि आज शाम तक सरकार द्वारा इस मामले को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है, तो कल दोबारा विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा किया जायेगा. साथ ही विधायक राणा ने बजट सत्र में चर्चा होने तक राज्य में विद्युत कनेक्शन नहीं काटे जाने को लेकर सरकार द्वारा लिये गये निर्णय को राहतपूर्ण बताया.

 

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  •  जिससे चाहे उससे जांच करवा लें

विधायक रवि राणा द्वारा लगाये गये सनसनीखेज आरोप के संदर्भ में प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर सीएस डॉ. श्यामसुंदर निकम ने कहा कि, आरोप लगानेवाले लोगों को जिस एजन्सी पर भरोसा होगा, उस एजेेंसी से कोरोना के संदर्भ में हर तरह की जांच करवायी जा सकती है. साथ ही सीएस निकम ने यह भी कहा कि, वे ऐसे बेसिरपैर के आरोपों और बेफिजुल की बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते. अमरावती की जनता बेहद संजीदा और समझदार है. यहां सभी लोग पिछले एक साल से कोरोना की त्रासदी को झेल रहे है और प्रशासन सहित पूरा सरकारी अमला अपना काम पूरी मुस्तैदी के साथ कर रहा है. यह बात जिले के सभी आम नागरिकों को पता है.

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