* अनुदान कम होने का असर
पुणे/दि.03– बॅटरी पर चलने वाली दुपहिया, फोरविलर तथा सार्वजनिक यातायात के वाहनों की खरीदी और उपयोग पिछले कुछ वर्षों में बढ गया है. प्रदूषण न करने वाली और पेट्रोल-डीजल से कम खर्चिक सफर के लिए इन वाहनों को पसंद किया जाता है. लेकिन नए वित्त वर्ष में ग्राहकों ने ई-वाहनों की ओर मुंह फेरा दिखाई देता है. मार्च महीने की तुलना में अप्रैल महीने में वाहनों की विक्री में काफी गिरावट आई है. नए वित्त वर्ष में अनुदान कम होने से मार्च महीने में ज्यादा खरीदी हुई, ऐसा निरीक्षण में बिक्रेताओं ने दर्ज किया है. केंद्र सरकार की तरफ से ई-वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए फेम-2 अनुदान योजना शुरु थी. इस योजना में ई-बाइक और ई-तिपहिया सहित अन्य वाहनों पर अनुदान मिलता था. यह योजना 31 मार्च को समाप्त हुई. इसका फटका अप्रैल महीने में ई-वाहनों की बिक्री को लगा है. मार्च महीने में 2 लाख 2 हजार 786 ई-वाहनों की बिक्री हुई थी. अप्रैल में यह आंकडा 1 लाख 979 पर आया. जनवरी में 1 लाख 40 हजार 668 और फरवरी में 1 लाख 36 हजार 797 बिक्री हुई थी. मार्च के बाद अनुदान कम होनेवाला था, इसलिए इस महिने में ज्यादा वाहनों की बिक्री होने की जानकारी है. महाराष्ट्र में मार्च महीने में 29 हजार 857 वाहनों की बिक्री हुई. अप्रैल में यह बिक्री कम होकर 13 हजार 80 पर आ गई. राज्य में ई-वाहनों की बिक्री जनवरी में 18 हजार 895 और फरवरी में 18 हजार 52 थी. इसकी तुलना में मार्च में बिक्री बढी थी. अप्रैल से मांग स्थिर होने कुछ समय लगेगा, ऐसा अनुमान एथर एनर्जी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी रवनीत पोखेला ने बताया.
पेट्रोल के बढते खर्च के कारण ग्राहक ई-वाहनों की तरफ मुड रहे है.अनुदान कम होने से बिक्री की गति धीमी रहेगी. मार्च में बिक्री बढी थी. उसकी तुलना में अप्रैल में गिरावट आई.
-राकेश शर्मा, कार्यकारी संचालक,
बजाज ऑटो