पुणे/दि.5 – महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में सामने आई एक दुखद घटना में बेटियों ने कोरोना जांच के डर से बुजुर्ग पिता का शव तीन दिन तक घर में रखा. इस दौरान एक बेटी ने खुदकुशी कर ली, जबकि अपनी जान देने का प्रयास करने वाली दूसरी बेटी को बचा लिया गया. पुलिस ने बताया कि बेटियों को डर था कि पिता की मौत के बाद उनकी जांच की जाएगी और संक्रमित मिलने पर उन्हें क्वारंटीन में रखा जाएगा.
अरनाला सागरी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक राजू माने ने कहा कि सेवानिवृत राशन अधिकारी हरिदास सहरकर का क्षत-विक्षत शव बुधवार को विरार के गोकुल कस्बे में उनके घर से मिला. अधिकारी ने बताया कि मामला तब सामने आया जब सहरकर की छोटी बेटी स्वप्नाली ने दिन में नवापुर में समुद्र में छलांग लगा दी और स्थानीय लोगों ने उसे बचा लिया.
उन्होंने कहा कि जांच से पता चला कि सहरकर की रविवार को घर पर ही मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार ने इस डर से उनके शव को घर पर रख दिया कि वे कोरोना की चपेट में न आ जाएं और फिर क्वारंटीन में रहना पड़े. उन्होंने कहा कि मृतक व्यक्ति की बड़ी बेटी विद्या ने नवापुर में समुद्र में कूदकर आत्महत्या कर ली और उसका शव मंगलवार को पुलिस ने बरामद कर लिया.
इसके बाद छोटी बेटी ने उसी तरह आत्महत्या करने का प्रयास किया लेकिन उसे बचा लिया गया. अधिकारी ने बताया कि पुलिस शुरू में आत्महत्या के प्रयास के मामले की जांच कर रही थी और अब दुर्घटनावश मौत के दो मामले दर्ज किए हैं.
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पत्रकार समेत तीन के खिलाफ उगाही का मामला
महाराष्ट्र के ठाणे शहर की पुलिस ने एक महिला पत्रकार समेत तीन लोगों के विरुद्ध उगाही का मामला दर्ज किया गया है. सूत्रों ने बताया कि उक्त आरोपियों में से एक, आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह और 27 अन्य के खिलाफ दर्ज उगाही के एक मामले में भी आरोपी है. पुलिस ने कहा कि कपूरबावडी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है और अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.