लोकल ट्रेन में स्टंटबाजों के जानलेवा स्टंट करना पडेगा महंगा
रेलवे ने दिए कार्रवाई के आदेश
मुंबई /दि.८- मुंबई की लोकल ट्रेनों के करीब 10 महीने बाद सभी लोगों के लिए शुरू होते ही खतरनाक और जानलेवा स्टंटबाजी भी चालू हो गई है. ताजा मामला मध्य रेलवे के सायन और दादर स्टेशनों के बीच सामने आया हैं, जहां कुछ युवक चलती लोकल के दौरान मौत को दावत देने वाले स्टंट करते दिखे. इस वीडियो के सामने आते ही रेलवे ने तुरंत पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है.
7 फरवरी 2021 को सुबह 9.30-10 बजे मुम्बई से सटे अम्बरनाथ से सीएसएमटी के लिए निकली लोकल ट्रेन जैसे ही सायन से दादर के बीच दौड़ भर रही होती है, ट्रेन के गेट पर सवार कुछ युवक खतरनाक स्टंटबाजी करने लगते हैं. चलती लोकल के दौरान इसमें से कोई पटरी के पास खड़े खंभों पर हाथ मारने की कोशिश करता है तो कोई लटकने की. इतना ही नही, एक स्टंट तो ऐसा है दूसरी दिशा से आ रही ट्रेन के ड्राइवर के सामने की कांच पर हाथ मारता है, यानी स्टंट ऐसा की कि अगर जरा भी लडख़ड़ाए तो चंद सेकंड में खेल खत्म, लेकिन बावजूद इसके ये युवक अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं.
यूं तो लोकल ट्रेनों को मुम्बई की लाइफलाइन कहा जाता हैं, लेकिन इसी में यात्रा करने वाले कुछ यात्रियों की ऐसी हरकतों से लगातार बढ़ते हादसों की संख्या इसे डेथलाइन होने की बदनामी वाला तमगा भी दिला देती है. अभी सभी लोगों के लिए लोकल शुरू हुए एक सप्ताह भी नहीं बीता कि जानलेवा स्टंटबाजी के ऐसे मामले फिर से सामने आने लगे हैं. ऐसे वीडियो के सामने आने के बाद रेलवे के आला अधिकारियों ने पूरे मामले के जांच का आदेश देते हुए स्टंट करने वाले स्टंटबाजों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है. मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि वीडियो के सामने आने के बाद रेलवे ने ऐसे स्टंट्स को रोकने के लिए इंटेंस ड्राइव लांच की है. इतना ही नही, सामने आए वीडियो में स्टंट करने वाले युवकों की तलाश की जा रही है. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
हर साल लोकल ट्रेनों से होने वाले हादसों की वजह से करीब 3000-3500 लोग अपनी जान गवां देते हैं, लेकिन लॉकडाउन में लोकल बंद होने से कोई भी हादसा न होने की राहत भरी जानकारी आरटीआई के जरिए सामने आई है, लेकिन मुंबईकरों की जान लोकल के शुरू होते ही ऐसी खतरनाक स्टंटबाजी पर लगाम लगाने के लिए रेलवे प्रशासन और रेलवे पुलिस को तुरंत सक्रिय होना होगा, ताकि लाइफलाइन पटरी पर बेझिझक दौड़ती रहे.