नेतृत्व गुण व संगठन कौशल्य के धनी सातव का निधन
मुंबई/दि.१७ – कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद राजीव सातव का रविवार को पुणे के जहांगीर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. सातव कोरोना से ठीक होने के बाद नए वायरस साइटोमेगालो से संक्रमित हो गए थे. इसके बाद से वेंटिलेटर सपोर्ट के बावजूद उनकी हालत नाजूक बनी हुई थी. वे विगत 22 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती थे.
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि सातव को स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या थी. वे इम्यूनो सप्रेसेंट दवाएं ले रहे थे. रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होने के कारण उन्हें कोरोना हुआ. बाद में उन्हें एक बैक्टीरियल संक्रमण हुआ. इस कारण उनके फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो गया. डॉक्टरों व्दारा उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की गई, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. टोपे ने कहा कि सातव के निधन से देश और राज्य को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सातव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सातव में नेतृत्व का गुण और संगठन कौशल्य था. उनका जनसंपर्क भी व्यापक था. दुर्भाग्य से एक बड़ी क्षमता वाला नेता हमारे बीच नहीं रहा. उनका संसदीय प्रणाली पर दृढ़ विश्वास और अध्ययनशील नेतृत्व के रुप में उल्लेख होता था. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हमने एक युवा, सक्षम और महान नेतृत्व खो दिया.
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पंचायत समिति से राज्यसभा सदस्य तक का सफर
मराठवाड़ा के हिंगोली जिले से आने वाले सातव कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बेहद करीबी थे. वे गुजरात प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भी थे. सातव मार्च 2020 में महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिये निर्वाचित हुए थे.2014 में मोदी लहर के बावजूद हिंगोली सीट से निर्वाचित हुए थे. इससे पहले उन्होंने वर्ष 2009 में हिंगोली के कलमनुरी सीट से विधानसभा चुनाव जीता था. सातव ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी. वे हिंगोली में जिला परिषद सदस्य और कलमनुरी पंचायत समिति सदस्य भी थे.