महाराष्ट्र

पेंच में बाघ और कलमेश्वर में तेंदूएं की मौत

नागपुर /दि. 4– जिले में दो विविध घटनाओं में मंगलवार को बाघ और तेंदूएं की मृत्यु होने की घटना उजगार हुई. बाघ (मादा) की मृत्यु पेंच व्याघ्र प्रकल्प में तथा तेंदूएं की मृत्यु कलमेश्वर वनपरिक्षेत्र में हुई.
बाघ की मृत्यु की घटना पूर्व पेंच वनपरिक्षेत्र के पूर्व कुटुंबा बीट में घटित हुई. सफाई मार्ग के पास एक बाघ बेहोशी हालत में पडा हुआ रहने की जानकारी पर्यटको ने वनविभाग को सोमवार को दी. जानकारी मिलने के बाद वन कर्मचारी और वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पहुंचे. बाघ को देखने के बाद उसे पशुवैद्यकीय अधिकारियों ने मृत घोषित किया. इस बाद के सभी अवयव साबूत थे और कोई भी जख्म के निशान दिखाई नहीं दिए. मंगलवार को इस संपूर्ण क्षेत्र के जलकुंभो की जांच कर पानी में कुछ आपत्तिजनक पदार्थ तो मिश्रित नहीं है, इस बात की जांच वनविभाग के दल ने की. बाघ का पोस्टमार्टम पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. सुजीत कोलंगथ, पशुधन विकास अधिकारी डॉ. शिशुपाल मेश्राम, पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. निखिल बांगर ने किया. पश्चात सैडल बांध के पास अंतिम संस्कार किया गया. इस अवसर पर पेंच व्याघ्र प्रकल्प के संचालक डॉ. प्रभुनाथ शुक्ल, विभागीय वन अधिकारी सोनल मते, राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्राधिकरण के प्रतिनिधि के रुप में मानद वन्यजीव रक्षक अजिंक्य भटकर, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक प्रतिनिधि के रुप में संजय करकरे, सहायक वनसंरक्षक पूजा लिंबगांवकर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी विवेक राजुरकर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी जयेश तायडे, सतपुडा फाऊंडेशन के मंदार पिंगले व अन्य उपस्थित थे. बाघ के अन्य नमूने जांच के लिए भेजे गए है. बाघ के पेट में कुछ पाया नहीं गया है. उसकी मृत्यु का कारण अब तक स्पष्ट न होने की बात वनविभाग ने कहीं है.
कलमेश्वर वनपरिक्षेत्र के सावंगी (व्यवहारे) गांव के चंद्रकांत श्रीखंडे के कुएं में तेंदूआ जख्मी अवस्था में पडा रहने की जानकारी वनविभाग को दी गई. कर्मचारियों ने कुएं में उतरकर जायजा किया तब उन्हें तेंदूआ मृतावस्था में मिला. मृत तेंदूआ मादा है. उसकी आयु एक से डेढ साल की बताई गई है. इस तेंदूएं के सभी अवयव साबूत थे. राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण के नियमानुसार सभी कार्रवाई की गई. घटनास्थल पर सहायक वनसंरक्षक आर. एम. घाडगे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी पी. आर. शिरपुरकर, क्षेत्र सहायक के.एम. जामगडे, ए.जी. खडोतकर व अन्य वन कर्मचारी उपस्थित थे. इस तेंदूएं का पोस्टमार्टम कर बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया. उपवनसंरक्षक डॉ. भारतसिंह हाडा के मार्गदर्शन में पी.आर. शिरपुरकर आगे की जांच कर रहे है.

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