बालिका सहित दो लोगों की मृत्यू दूषित जल के कारण होने का संदेह
यवतमाल जिले के सुर्दापुर ग्रामवासियों में दहशत
यवतमाल/दि.19– यवतमाल जिले के झरीजामनी तहसील में आनेवाले सुर्दापुर गांव में एक सप्ताह में 6 वर्षीय बालिका सहित दो लोगों की मृत्यु होने से खलबली मच गई है. सुर्दापुर में दो स्थानों पर पानी की पाईपलाईन लिकेज है. गांव में दूषित जलापूर्ति हो रही है. दूषित जल के कारण ही दोनों की मृत्यु होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है. बारिश शुरु होते ही पेयजल के नमूने जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजना चाहिए था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनदेखी की रहने का ग्रामवासियों का आरोप है.
12 जुलाई को आकांक्षा अविनाश उईके (6) नामक बालिका को तेज बुखार आ गया. साथ ही उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी. दूषित जल के कारण उसकी हालत बिगड गई. घर के सदस्य उसे प्राथमिक उपचार के लिए पाटन ले गए और प्राथमिक उपचार के बाद घर ले आए. लेकिन उसकी तकलीफ और बढने से उसे नाना के गांव हिरापुर ले जाकर उपचार करने का प्रयास किया. लेकिन वहीं पर उसकी मृत्यु हो गई. इसी गांव गांगन्ना नरसिमलू अण्यालवार (55) को भी बुखार और जुलाब की तकलीफ शुरु हुई. वह उसी दिन कोपामांडवी गांव जाकर आया था. रात को उसे तेज बुखार, उलटी, चक्कर और जुलाब की परेशानी शुरु हो गई और घर पर ही उसकी मृत्यु हो गई. गांव में बुखार, सर्दी, खांसी का प्रकोप जारी है. अनेको को जुलाब की तकलीफ है. इस कारण दहशत का वातावरण है. एक सप्ताह में दो लोगों की मृत्यु होने से प्रशासन में खलबली मच गई है और स्वास्थ्य यंत्रणा काम से लग गई है. पांढरकवडा तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मडावी और पाटणबोरी के बोरी की वैद्यकीय अधिकारी डॉ. सपना मुनेश्वर ने इस गांव को भेंट दी. अन्य वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी भी पहुंच गए. दूषित जल के कारण ही दोनों की मृत्यु होने का संदेह ग्रामवासियों का है.
* जल नमूने जांच के लिए रवाना
ग्रामपंचायत और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दूषित जल नमूने जांच के लिए भेजे गए है. गांव के प्रत्येक घर भेंट देकर जल शुद्ध करने के लिए दवाई का वितरण किया गया है. दूषित जलापूर्ति हो रहे दो लिकेज दुरुस्त करने का काम जारी है. नल योजना बंद की है. ग्रामवासियों को नि:शुल्क शुद्ध जलापूर्ति की जा रही है.
* समय पर उपचार न होने से मृत्यु
गांव में बुखार, सर्दी और खांसी का प्रकोप जारी है. समय पर उपचार न होने से और उचित सहयता न मिलने से उनकी मृत्यु हुई. जल नमूने जांच के लिए भेजे गए है. उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के कारण का पता चलेगा.
– विलास संकसनवार
सरपंच, सुर्दापुर
* बालिका को थी दमे की बीमारी
बालिका को बचपन से ही दमे ही बीमारी थी. साथ ही सर्दी, खांसी, बुखार बढने से और दूषित जल के कारण उसका स्वास्थ्य अधिक बिगड गया. परिवार के सदस्यों ने समय पर उपचार किया होता तो उसकी जान बच सकती थी. दोनों मृत व्यक्ति के अलावा घर के किसी भी सदस्यो को गैस्ट्रो की बीमारी नहीं हुई है. इस कारण मृत्यु किस कारण हुई यह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा.
– डॉ. सपना मुनेश्वर, वैद्यकीय अधिकारी, पाटणबोरी.