
नागपुर /दि. 26– पिछले साल राज्य में 33,383 सडक दुर्घटना में कुल 15,224 लोगों ने अपनी जान गंवाई. साल 2021 की तुलना में 13 फीसदी अधिक है. जिसमें दुपहिया और तीन पहिया वाहन चालकों की मौत का प्रमाण 54 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार तेज रफ्तार, शराब पीकर वाहन चलाना और सीट बेल्ट का उपयोग न करना दुर्घटना का मुख्य कारण बताया गया. किंतु इन दुर्घटनाओं को टालने के लिए किसी भी प्रकार के कदम नहीं उठाए गए. पिछले 10 सालो में सडक दुर्घटना में मौत की आंकडे देखे जाए तो 1.50 लाख लोगों को अपने प्राण गंवाने पडे. अनेक लोग घायल हुए. करोडों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ. राज्य यातायात विभाग की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 से पिछले 5 वर्षो में मृत्यु दर सार्वाधिक है. 33,383 दुर्घटनाओं में से 9,418 दुर्घटना राष्ट्रीय महामार्ग पर हुई है तथा 6,902 दुर्घटना राज्य महामार्ग पर हुई है. ताजा आंकडो के अनुसार साल 2024 में जनवरी से अगस्त माह के दौरान 24,024 सडक दुर्घटना हुई है. जिसमें 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है.
* सरकार द्वारा प्रभावी कदम नहीं उठाए गए
सडक दुर्घटनाओं में हुई मौत के संदर्भ में विशेषज्ञों का कहना है कि, रास्तों पर वाहनों की बढती संख्या मौत का कारण नहीं है. रास्तों की सुरक्षा बहु-क्षेत्रिय समस्या है. जिसके लिए सरकार को अधिक सहकार्य करने की आवश्यकता है. संबंधित एजेंसी द्वारा इस दिशा में बहुत से काम नहीं किए गए. अब भी स्वतंत्र रुप से कार्य कर रहे है. दुर्घटना से मौत को लेकर अधिकारियों से स्पष्टिकरण मंगाया जा रहा है. किंतु जानलेवा रास्तों पर हुई दुर्घटना को लेकर किसी प्रकार की कार्रवाई सुनने को नहीं मिली. एक पूर्व पुलिस अधिकारी के अनुसार एक डझन से अधिक सडक दुर्घटना हुई है. फिर भी उच्चाधिकारी व कनिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्पष्टिकरण नहीं लिया गया और नाही जांच के परिणाम का विचार किया गया. सभी एजेंसियों के लिए रास्तों पर हुई दुर्घटना का महत्व नहीं है.
* सडक दुर्घटना में मौत की दर
(प्रति 10,000 किमी)
250 – भारत
119 – चीन
57 – अमेरिका
11 – ऑस्ट्रेलिया
– 12.1 लाख
लोगों ने 2004-13 में सडक दुर्घटना में जान गंवाई.
– पंजीकृत वाहनों की संख्या
2012 – 15.9 करोड
2024 – 38.3 करोड
* 10 सालों में सडक दुर्घटना में 15 लाख मौत
– 15.35 लाख
2014-2023
साल मृत्यु
2014 1.4
2015 1.46
2016 1.51
2017 1.48
2018 1.58
2019 1.59
2020 1.38
2021 1.54
2022 1.68
2023 1.73
(मृत्यु लाखो में)
– 12.1 लाख
2004-2013
2024 में जनवरी से अगस्त तक 24,024 सडक दुर्घटना में 12,000 से अधिक लोगों ने जान गंवाई.
* महाराष्ट्र में हर साल 15 हजार लोग गंवाते है जान
साल मृत्यु हजार में
2014 12.8
2015 13.21
2016 12.94
2017 12.26
2018 13.26
2019 12.79
2020 11.57
2021 13.53
2022 15.44
* राज्य में 10 जिले धोकादायक क्षेत्र
महामार्ग यातायात पुलिस के अनुसार साल 2023 में राज्य के 10 जिलो में 41 प्रतिशत मौत हुई थी. एक प्रकार से यह जिले दुर्घटना की मृत्यु से धोकादायक क्षेत्र में है. साल 2021 के आंकडों की तुलना में रत्नागिरी में 44 प्रतिशत मौत दर्ज की गई और उसके बाद बुलढाणा जिले में 39 प्रतिशत तथा संभाजी नगर जिले में 29 प्रतिशत आंकडा दर्ज किया गया है.
पुणे ग्रामीण – 923
नाशिक ग्रामीण – 912
अहमदनगर – 841
सोलापुर ग्रामीण – 641
जलगांव – 552
सातारा – 534
नागपुर ग्रामीण – 492
बीड – 462
संभाजी नगर ग्रामीण – 457
चंद्रपुर – 434
* 10 हजार किलोमीटर परिसर में हर साल 250 लोग होते है दुर्घटना के शिकार
देशभर में पिछले 10 सालों में (2014-2023) 15.3 लाख लोगों की सडक दुर्घटना में मौत हुई है. मृतकों की संख्या केंद्र शासित प्रदेश चंदीगढ की जनसंख्या की अपेक्षा अधिक है और भुवनेश्वर की जनसंख्या जितनी है. केंद्रीय मार्ग यातायात मंत्रालय के आंकडों के अनुसार यह जानकारी प्राप्त हुई है कि, देश में सडक दुर्घटना में मौत की दर 10 हजार किलोमीटर परिसर में 250 लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे है. वहीं अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया में यह दर क्रमश: 57, 119 और 11 है. मार्ग यातायात मंत्रालय द्वारा जमा गए आंकडों के अनुसार 2004-2013 में हुई सडक दुर्घटना में 12.1 लाख लोगों ने अपने प्राण गंवाए. आगामी 10 सालों में 2014-2023 में यह संख्या 15.3 लाख तक पहुंची. पंजीकृत वाहनों की संख्या साल 2012 में 15.9 करोड से साल 2024 में 38.3 करोड हुई. आंकडों के अनुसार रास्तों की लंबाई साल 2012 में 48.6 लाख किलोमीटर से साल 2019 में 63.3 लाख किलोमीटर हुई.