सीने पर पत्थर रखकर लिया निर्णय
ग्राम विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने अन्ना हजारे के पत्र का दिया जवाब
हिं.स./दि.२१
अहमदनगर-ग्रामपंचायत पर प्रशासक की नियुक्ति के संदर्भ में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे द्वारा दिए गए आंदोलन की चेतावनी को सरकार ने गंभीर दखल ली है. ग्रामविकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने तत्काल पत्र का जवाब दिया है. हसन मुश्रीफ ने अपने पत्र में बताया कि, संविधान का प्रावधान, न्यायायिक आदेश और हाल की बिकट स्थिति को देखते हुए सीने पर पत्थर रखकर यह निर्णय लिया गया है. यहंा बता दे कि, राज्य में अवधि समाप्त हो चुकी लगभग १४ ग्रामपंचायतों पर प्रशासकों की नियुक्ति करने का आदेश सरकार ने निकाला है. जिसमें दुरुस्ती करने वाला यह पत्र ग्रामविकास विभाग ने निकाला है. जिलापरिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारियों को संबंधित जिले के पालकमंत्री की सलाह से प्रशासक की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए है. जिस पर अन्ना हजारे ने आपत्ति जताई है. उन्होंने यह कहा कि, नियुक्ति को राजनीतिक स्वरुप मिल सकता है. इसलिए यह जीआर वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी अन्ना हजारे ने दी थी. हजारे के पत्र को ग्रामविकास मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि, जो भी निवेदन लिया गया है वह संविधान के प्रावधानों को मानकर लिया गया है. हजारे के पालकमंत्री की सलाह के मुद्दे का स्पष्टीकरण देते समय मुश्रीफ ने कहा कि, पालकमंत्री यह जिलास्तर पर सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाला महत्वपूर्ण घटक होता है. जिला नियोजन मंडल का वह अध्यक्ष होता है. जिलास्तर पर अन्य सरकारी समिती के सदस्यो ंका चयन भी पालकमंत्री के माध्यम से किया जाता है. सरकार का एक हिस्सा होने के नाते वह जिलास्तर पर कामकाज संभालता है. जिला व सरकार के बीच वह काम करता है. इसलिए प्रशासक नियुक्ति के लिए पालकमंत्री की सलाह लेने की सूचना ली गई है. इसके अलावा प्रशासक चयन प्रक्रिया में गलती, विवाद होने पर यह रद्द करने का अधिकार ग्रामविकास विभाग को दिया गया है.