मुंबई/दि.10 – ईडी द्वारा जारी किये गये समन्स को रद्द करने हेतु पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा दायर की गई याचिका पर एकलपीठ द्वारा सुनवाई की जाये अथवा खंडपीठ द्वारा इस मामले पर 13 सितंबर को निर्णय लेने की बात हाईकोर्ट द्वारा गत रोज स्पष्ट की गई है.
बता दें कि, ईडी की ओर से जारी पांच समन्स को रद्द कराने हेतु अनिल देशमुख ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. जब इस याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, तो ईडी की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्या. एस. के. शिंदे की एकलपीठ से कहा कि, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने इस याचिका को सुनवाई हेतु एकलपीठ की बजाय द्वि सदस्यीय खंडपीठ के पास
भेजने की बात कहते हुए आपनी आपत्ति दर्ज कराई है. ऐसे में सबसे पहले इस आपत्ति को दूर किया जाना चाहिए, क्योंकि एकलपीठ द्वारा इस याचिका के कुछ मुद्दों पर निर्णय नहीं दिया जा सकता. वहीं देशमुख के वकील विक्रम चौधरी व अनिकेत निकम ने युक्तिवाद पर आक्षेप लेते हुए कहा कि, एकलपीठ को इस याचिका पर सुनवाई करने का पूरा अधिकार है. ऐसे में न्या. शिंदे ने इस बारे में आगामी 13 सितंबर को फैसला लेने की बात कही.
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किसी से नहीं लिये पैसे
इस याचिका में अनिल देशमुख ने कहा है कि, सचिन वाझे के बयान को आधार बनाते हुए उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. जबकि वाझे का जवाब पूरी तरह से गलत है और उसने गलत मंशा के साथ उन पर आरोप लगाये है. साथ ही तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीरसिंह ने ही वाझे को दुबारा पुलिस सेवा में शामिल किया था.
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ईडी के मुताबिक पद का दुरूपयोग
वहीं दूसरी ओर ईडी द्वारा किये गये आवेदन में कहा गया है कि, जिस समय सचिन वाझे द्वारा बार व रेस्टॉरेंट मालिकों से पैसे वसूल किये गये, उसी दौरान अनिल देशमुख की नागपुर स्थित श्री साई शिक्षा संस्था के खाते में बडे पैमाने पर डोनेशन जमा हुआ. जिसका सीधा मतलब है कि, पद का दुरूपयोग करते हुए कमाये गये पैसों को देशमुख ने अपनी शिक्षा संस्था में जमा किया. ऐसे में उनके खिलाफ मामला बनता है.