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17 मई को होगा चुनाव करवाने पर फैसला

समर्पित आयोग की रिपोर्ट जून से पहले आने की संभावना नहीं

मुंबई/दि.14– स्थानीय स्वराज्य संस्थाओें के चुनाव सितंबर से पहले लेने में असमर्थता व्यक्त करनेवाला राज्य निर्वाचन आयोग के आवेदन को सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. जिस पर आगामी 17 मई को सुनवाई होगी. इस सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोग की भूमिका को स्वीकार किया जाता है या फिर तत्काल चुनाव करवाने की बात कही जाती है. इसे लेकर फैसला होगा. ऐसे में अब स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव के संदर्भ में आगामी 17 मई को होनेवाली सुनवाई की ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.
बता दें कि, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए बताया गया कि, अंतिम प्रभाग या गण रचना करने, आरक्षण को तय करने और मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने से संबंधित कामकाज तो 31 जुलाई तक पूर्ण कर लिये जायेंगे, लेकिन चूंकि उस समय पूरे राज्य में बारिश का मौसम जारी रहेगा. ऐसे में सितंबर माह से पहले चुनाव करवाना बिल्कुल भी संभव नहीं होगा. आयोग की ओर से दिये गये आवेदन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया और इस पर आगामी 17 मई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनायेगा. जिसकी ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.

* जून से पहले बांठिया आयोग की रिपोर्ट मिलना असंभव
– राज्य सरकार द्वारा राज्य के मुख्य सचिव जयंतकुमार बांठिया की अध्यक्षता में गठित समर्पित आयोग को अन्य पिछडावर्गीय, विमुक्त जाति तथा भटक्या जमाति प्रवर्ग के राजनीतिक पिछडेपन को साबित करने हेतु इम्पिरिकल डेटा तैयार करने का काम सौंपा गया है. किंतु जून माह के पहले बांठिया आयोग की रिपोर्ट मिलना लगभग असंभव है. ऐसे में इस समय तक ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सकेगा.
– सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में एक आदेश में महाराष्ट्र के स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव हेतु प्रक्रिया शुरू करने का आदेश राज्य निर्वाचन आयोग को दिया गया था. जिसके अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने स्तर पर निर्वाचन संबंधी कार्रवाई शुरू की है.
– इसी बीच राज्य सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण को टिकाये रखने हेतु प्रयास किया जा रहा है कि, बांठिया आयोग जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे, ताकि इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश करते हुए ओबीसी संवर्ग के लिए राजनीतिक आरक्षण को कायम रखा जा सके, लेकिन अब यह लगभग पूरी तरह से साफ हो गया है कि, जून माह से पहले समर्पित आयोग की रिपोर्ट मिलना पूरी तरह से असंभव है.

* आयोग द्वारा राज्य में ली जायेगी जनसुनवाई
समर्पित आयोग द्वारा ओबीसी संवर्ग के राजनीतिक पिछडेपन का अध्ययन करने हेतु समूचे राज्य में विभागीय कार्यालय स्तर पर जनसुनवाई की जायेगी. जिसके तहत 21 मई को सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक पुणे विभागीय आयुक्त कार्यालय, 22 मई को सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक औरंगाबाद विभागीय आयुक्त कार्यालय तथा शाम 5.30 से 7.30 बजे तक नाशिक विभागीय आयुक्त कार्यालय, 25 मई को दोपहर 2.30 से 4.30 बजे तक कोंकण भवन विभागीय आयुक्त कार्यालय, 28 मई को सुबह 9.30 से 11.30 बजे तक अमरावती विभागीय आयुक्त कार्यालय एवं शाम 4.30 से 6.30 बजे तक नागपुर विभागीय आयुक्त कार्यालय में समर्पित आयोग द्वारा जनसुनवाई की जायेगी.

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