मुंबई/दि.६ – देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से राज्य की उपराजधानी नागपुर के बीच तैयार हो रहे बहूद्देशीय समृध्दि महामार्ग के कार्य पर कोरोना की दूसरी लहर का असर पड़ रहा है. 701 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे के पहले चरण में नागपुर से शिर्डी तक लगभग 520 किमी मार्ग को इस वर्ष मई तक शुरु किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन कोरोना के चलते काम पर विपरीत असर हुआ है. बताया गया है कि नागपुर से शिर्डी तक समृद्धि महामार्ग का काम लगभग 80 से 85 प्रतिशत हो गया है. अगले माह मई तक शेष कार्य पूरा करने की दिशा में युध्दस्तर पर प्रयास जारी थे, लेकिन अचानक फिर से पूरे काम पर प्रभाव पड़ा है. समृध्दि महामार्ग के काम में लगे मजदूरों का पलायन भी विदर्भ और मराठवाड़ा के क्षेत्रों से शुरु हो गया है.
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34,000 मजदूर काम पर लगे
नागपुर से शिर्डी और मुंबई की तरफ इगतपुरी तक लगभग 34 हजार से अधिक मजदूर समृध्दि के काम में लगे हुए थे. कोरोना के चलते पिछले कई दिनों से काम काफी प्रभावित हुआ है. होली के पहले से ही मजदूरों का पलायन शुरु हो गया. इसके अलावा भारी गर्मी में कच्चे माल की आपूर्ति पर असर पड़ा है. नागपुर, नाशिक, जालना और औरंगाबाद में बढ़ी गर्मी और कोरोना की वजह से काम प्रभावित हुआ है. एमएसआरडीसी के उपाध्यक्ष एवं एमडी राधेश्याम मोपलवार के अनुसार समृध्दि महामार्ग का निर्माण 16 पैकेज में किया जा रहा है. स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है. एमडी मोपलवार ने माना कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से काम प्रभावित हुआ है. इसे ध्यान में रखते हुए फिर से शेड्यूल तैयार करना होगा. इस तरह डेडलाइन बढ़ानी होगी. वैससे भी सुरक्षा सुविधाओं, पेट्रोल पंप व इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, सीसीटीवी, टोल बूथ आदि सुविधाओं के निर्माण में देरी हो रही है.
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सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे
नागपुर से मुंबई के बीच बन रहे इस महामार्ग को तीन चरणों में खोले जाने का टार्गेट है. तीसरा और अंतिम चरण 1 मई 2022 तक पूरे 701 कि.मी. लंबे हाइवे पर वाहनों की आवाजाही शुरु करने का लक्ष्य था. लेकिन यह डेडलाइन और बढ़ेगी, इसके अलावा पहला चरण अब मई की बजाय 3-4 माह बाद ही शुरु हो पायेगा. दूसरे चरण में शिर्डी और इगतपुरी के बीच 103 किलोमीटर दिसंबर 2021 में यातायात के लिये खोले जाने का लक्ष्य है, जबकि शे, 78 कि.मी. इगतपुरी और वडपे के बीच 1 मई 2022 का टार्गेट निर्धारित किया गया है. फिलहाल हाईवे निर्माण कार्य के टार्गेट पर फिर से विचार जारी है. पिछले साल भी लॉकडाउन के चलते काम प्रभावित हुआ था. 55,335 करोड़ की लागत से बनने वाला यह देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे है. परियोजना के लिये 25,000 मालिकों में से लगभग 22,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है. मुंबई- नागपुर समृध्दि महामार्ग पर 12 लाख 87 हजार से ज्यादा पेड़ लगाने की योजना है. वन्य जीवों की जीवन प्रभावित न हो, इसके लिये जंगल क्षेत्रों में अंडरपास और ओवरपास मार्ग तैयार किया जा रहा है.
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1 मई से शुरु होना था पहला चरण
– 701 किमी लंबाई का 6 लेन वाला हाईवे एमएसआरडीसी व्दारा बनाया जा रहा है.
– यह महामार्ग 10 जिलों, 26 तहसीलों और 392 गांवों से होकर गुजरेगा. इसके 19 नये कस्बों के रुप में इर्दगिर्द कृषि समृध्दि केंद्र बसाये जायेंगे.
– इस महामार्ग के कारण समय और पैसों की बचत होगी और मुंबई-नागपुर के बीच की दूरी 15-16 घंटों से घटकर 8 घंटे रह जाएगी.