महाराष्ट्र

मिठाई खाने में दिल्ली व पापड खाने में राजस्थान आगे

35 फीसद मिठाई की उत्तर भारत में खपत

नई दिल्ली दि.22– हमारे यहां मीठे पदार्थों के बिना किसी त्यौहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती. मीठा खाने में उत्तर भारतीय लोग सबसे आगे है और मिठाई खरीदने में उनकी हिस्सेदारी करीब 35 फीसद के आसपास है. इसमें भी दिल्ली 9.9 फीसद भागीदारी के साथ सबसे आगे है और पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है. वही हिमाचल और जम्मु कश्मीर के लोगों की मिठाई में रूचि सबसे कम है. इसी तरह पापड पसंद करनेवाले लोगों में राजस्थानी सबसे आगे है और इस मामले में गुजरात दूसरे स्थान पर है.
फ्रोस्ट एन्ड सुलीवन के विश्लेषणानुसार सन 2021 में देश का मिठाई बाजार 58 हजार 900 करोड रूपयों का था और सन 2025 तक इसके 84 हजार 300 करोड रूपयों तक पहुंचने का अनुमान है. यानी मिठाई के बाजार में सालाना 9.3 फीसद की दर से वृध्दि अपेक्षित है. राज्यनुसार देखने पर पापड खाने के मामले में भी उत्तर भारतीयों ने भी सबको पीछे छोड दिया है. देश में 39 फीसद पापड बिक्री उत्तर भारत में ही होती है. वहीं 32 फीसद खपत के साथ पश्चिम भारत दूसरे स्थान पर है.
बता दें कि, देश में पापड का सालाना व्यवसाय 7,400 करोड रूपयों का है. जिसमें से संगठित क्षेत्र में यह व्यवसाय 2,300 करोड रूपयों का है और असंगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी 68 फीसद है.

फ्रोस्ट एन्ड सुलीवन द्वारा किये गये एनालिसीस के मुताबिक देश में केवल 10 फीसद मिठाई व्यवसाय संगठित है. सन 2021 में 5,600 करोड के संगठित बाजार में दूध से बनी मिठाईयों का हिस्सा 28 फीसद, सोनपापडी का हिस्सा 21 फीसद तथा ड्राईफ्रुट का हिस्सा 70 फीसद रहा.

* 74.5 फीसद मिठाई बिक्री 11 राज्योें में होती है
राज्य हिस्सेदारी
दिल्ली 9.8%
प. बंगाल 9.2%
गुजरात 8.3%
युपी 8.0%
महाराष्ट्र 7.1%
राजस्थान 7.0%
बिहार 7.0%
मध्यप्रदेश 6.6%
पंजाब 5.2%
हरियाणा 3.5%
झारखंड 2.8%
कुल 74.5%

* 11 राज्यों में 69 फीसद पापड की खपत
राज्य हिस्सेदारी
राजस्थान 11.4%
गुजरात 10.6%
म.प्र. 8.6%
महाराष्ट्र 8.0%
दिल्ली 6.5%
पंजाब 5.7%
हरियाणा 4.6%
प. बंगाल 3.1%
बिहार 2.9%
झारखंड 1.8%
कुल 68.9%

मिठाई की सबसे कम 0.3 फीसद बिक्री हिमाचल व कश्मीर में होती है. इसी तरह पापड खाने के मामले में भी कश्मीर की हिस्सेदारी 0.4 फीसद है. इसके अलावा दक्षिण भारत में भी मिठाई की बिक्री 12.7 फीसद तथा पापड की बिक्री 15.4 फीसद है, जो अन्य राज्योें की तुलना में बेहद कम है.

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