मुंबई/१८ – कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शुरुआत में सैनिटाइजर व मास्क की मांग जोर पकडा था. qकतु अब ६ महीने बीत जाने के पश्चात सैनिटाइजर व मास्क की मांग में कमी आयी है. दूसरी ओर आयुर्वेदिक औषधियों के बाजारोें में तेजी आयी है. जिसमें आयुष काढा, आयुर्वेदिक औषध, फल और सब्जियों को साफ करने वाले रासायनिक द्रव्य तथा विटामीन-सी की गोलियों की मांग बढी है.
उल्लेखनीय है कि मार्च महीने में कोरोना का पहला मरीज मुंबई में पाया गया था. उस समय मास्क व सैनिटाइजर का महत्व बढ गया था. जिसमें दुकानदार मनमाने दामों में मास्क व सैनिटाइजर बेच रहे थे. सैनिटाइजर की कालाबाजारी के भी मामले समाने आए थे. किंतु अब सैनिटाइजर व मास्क की मांग में कमी आयी है. वही आयुर्वेदिक औषध व आयुष काढे की मांग बढनी लगी है. कोरोना संक्रमण में अब लोगों का विश्वास आयुष काढे तथा आयुर्वेदिक औषधियों पर विश्वास बढ गया है. औषध्यालयों में भी विविध प्रकार की औषध व आयुष काढे दिखायी दे रहे है. लोग औषध्यालयों से विविध उपचार की जानकारी प्राप्त कर रहे है. दिन में आज भी ७० से १०० ग्राहक रोग प्रतिकारशक्ति बढाने की औषध खरीदी कर रहे है. ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है. सैनिटाइजर व मास्क की ४० से ५० फीसदी मांग घट गई है. वहीं रोगप्रतिकार शक्ति बढाने वाली गोलियां व औषधियों तथा काढे की मांग बढ गई है.
एन ९५ मास्क के आकर्षण में कमी
कोरोना काल की शुरुआत में एन ९५ मास्क दुकानों में आकर्षण का केंद्र था. लोगों द्वारा इसकी मांग ज्यादा प्रमाण में की जा रही थी. किंतु अब ६ महीने के पश्चात इसके आकर्षण में भी कमी आयी है. उसी प्रकार कोरोना के शुरुआत में थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर इन वस्तुओं की भी मांग ग्राहकों द्वारा की जाती थी. किंतु अब पूरी तरह से मांग ठप हो गई है. साथ ही आर्सेनिक एलबम होमियोपैथिक गोली को खरीदने के लिए ग्राहकों की लाइन लगती थी. यह माल भी अब दुकानों में पडा रह गया है. ऐसी जानकारी केइएम अस्पताल में स्थित मेडिकल के संचालक रितेश पवार ने दी.