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राज्य में टमाटर के पौधों की मांग बढी, 18 हजार हेक्टेयर में लागत

कीमतें अगले एक महीने तक ऊंची रहने की संभावना

पुणे/दि.15- टमाटर की दरों में तेजी आने के बाद जून महिने के दूसरे सप्ताह से टमाटर की लागत शुरु हो गई. लेकिन बारिश के अभाव में अपेक्षित लागत नहीं दिखाई दे रही. टमाटर की कीमतें अगले एक महीने तक ऊंची रहने की संभावना है.
खरीफ सत्र में राज्य में औसतन 40 हजार हेक्टेयर पर उत्पादन होता है. इस बार 13 जुलाई तक औसतन के 50 प्रतिशत ही यानी 18 हजार 438 हेक्टेयर पर टमाटर की लागत हुई है. इसमें नासिक डिविजन सबसे आगे है. नासिक डिवीजन में 10,622 हेक्टेयर, पुणे डिवीजन में 2,801 हेक्टेयर, लातूर डिवीजन में 2,490 हेक्टेयर, औरंगाबाद डिवीजन में 1147 हेक्टेयर, अमरावती डिवीजन 578 हेक्टेयर, कोल्हापुर डिवीजन में 577 हेक्टेयर और नागपुर डिवीजन में 223 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती हुई है. मौसमी बारिश ने दगा देने ने अपेक्षित उत्पादन नहीं हो पाया. पौधों की भारी किल्लत भी है. राज्य की रोपवाटिकाओं में टमाटर के रोपों का बडे पैमाने पर एडवांस पंजीयन हुआ है.
* नासिक पर देश का ध्यान केंद्रीत
नासिक जिले में 10,551 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती की गई है. इसलिए केंद्रीय ग्राहक व्यवहार मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि नासिक से टमाटर जल्द ही बाजार में पहुंचेगा और कीमतों में बढ़ोतरी से राहत मिलेगी. लेकिन, नासिक में खेती भी पचास फीसदी पर आ गई है. टमाटर की कटाई रोपण के 65 से 70 दिन बाद शुरू होती है. इसलिए नए रोपे गए टमाटरों के बाजार में पहुंचने का समय 15 अगस्त है.
सुबह होने को है.
* 200 रुपये किलो तक पहुंच गया टमाटर
पंजाब में टमाटर 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. राजधानी दिल्ली में 175 रुपये पर है. दिल्ली और उसके आसपास हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति की जाती है. उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण टमाटर की कटाई और परिवहन में बाधा के कारण दक्षिण भारत से आपूर्ति कम हो गई है और हिमाचल प्रदेश से टमाटर की आवक कम हो गई है. नतीजा यह हुआ कि बाजार में उपलब्धता कम हो गयी और कीमत 100 रुपये से भी कम हो गयी. केंद्र सरकार टमाटर की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय कर रही है. लेकिन, निकट भविष्य में टमाटर की कीमतें कम होने की संभावना कम है. अगले एक महीने तक दरें ऊंची बनी रहेंगी.
दरें ऊंची रहने की संभावना
कीमतें बढ़ने से खेती की गति बढ़ी है. नर्सरी में रोपे जाने योग्य पौधे खत्म हो गए हैं. रोपण के लिए पौधों की कमी है. नए पौधों के लिए बड़े पैमाने पर एडवांस रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है. टमाटर की कीमतें अगले एक महीने तक ऊंची रहने की संभावना है.
-शिवाजी आवटे, टमाटर उत्पादक, नारायणगांव (पुणे)

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