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खुद का मुख्यमंत्री रहने के बावजूद सेना विधायक हैं निधी से वंचित

महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद से असंतुष्ट है सेना विधायक

* निधी नहीं मिलने पर बजट सत्र के बहिष्कार की चेतावनी भी दी
मुंबई/दि.7– इस समय राज्य में शिवसेना का समावेश रहनेवाली महाविकास आघाडी की सरकार है और मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे के पास है. ऐसे में शिवसेना विधायकों की बल्ले-बल्ले हो जानी चाहिए थी. किंतु स्थिति इससे एकदम उलट है. क्योंकि राज्य में जब से महाविकास आघाडी की सरकार बनी है, तब से शिवसेना विधायकों को निधी प्राप्त करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में विकास कामों के लिए निधी उपलब्ध नहीं होने की वजह से सेना विधायक काफी हद तक परेशान व असंतुष्ट हो गये है. साथ ही शिवसेना के करीब 25 विधायकों ने दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से मुलाकात करते हुए उन्हें साफ शब्दों में चेतावनी दी कि, यदि उन्हें निधी उपलब्ध नहीं करायी जाती है, तो वे बजट का बहिष्कार करेंगे. साथ ही बजट पेश किये जाते समय विधानभवन की सीढियों या सभागृह की लॉबी में बैठैंगे.
सूत्रों ने बताया कि, मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से मिलने हेतु गये शिवसेना के 25 विधायकों ने साफ तौर पर कहा कि, महाविकास आघाडी सरकार में वित्त, ग्राम विकास व जलसंपदा जैसे महत्वपूर्ण विभाग राकांपा के पास है और राकांपा के मंत्री अपने विधायकों को तो बुला-बुलाकर निधी उपलब्ध कराते है. किंतु जब शिवसेना के विधायक विकास कामों हेतु निधी मांगने जाते है, तो उनके सामने राज्य की खस्ता हालत का रोना रोया जाता है. इसी तरह कांग्रेस के पास रहनेवाले सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग की भी यहीं स्थिति है. सूत्रों के मुताबिक इन 25 विधायकों की शिकायतों को मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने बेहद गंभीरता से सुना. साथ ही उद्योगमंत्री सुभाष देसाई व नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे को बुलाकर उन्हें इस समस्या के समाधान का जिम्मा सौंपा. पश्चात इन दोनों मंत्रियों ने इन 25 विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कामों और उन पर होनेवाले खर्च का ब्यौरा मांगा है. साथ ही सार्वजनिक लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण के साथ भी चर्चा की.

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