दि.२२ मुंबई – मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि, राज्य के कृषि विश्वविद्यालय महाराष्ट्र की पहचान दर्शाने वाले फसलों को विकसित करें. उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों के अनुसंधान से किसानों के जीवन की अनिश्चितता खत्म हो. उनके जीवन में बदलाव आए. ऐसी फसल विकसित किया जाना चाहिए जिसे बाजार मिल सकें. मंगलवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी प्रयोगशीलता दिखाएं. इसका लाभ किसानों को मिले. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए. प्रशासन विभागवार फलसों को उगाने वाले किसानों का पंजीयन करें. उन्हें अच्छे बीज, खाद और उपज बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराएं. कृषि में उन्नति और सुधार महत्वपूर्ण है. इससे किसानों को स्वावलंबी होने में मदद मिल सकेगी. कृषि और उपज के लिए गोल्डन आवर महत्वपूर्ण है. समय पर उपज की खरीदी और बिक्री होना जरुरी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, कृषि को उद्योग का दर्जा मिलना चाहिए. कोई उद्यमी निवेश करने से पहले बाजार का सर्वे करते हैं. कृषि का भी मार्केट सर्वे उत्यंत जरुरी है. बॉ्नस * राज्य में जो बिकेगा उसी फसलों को उगाया जाएगा कि परिकल्पना को साकार करने का प्रयास किया जा रहा है. फलियां (बीन्स) और औषधि वनस्पतियों की बॉqडग करना जरुरी है. – दादाजी भुसे, कृषि मंत्री बॉ्नस कृषि विश्वविद्यालयों को राज्य में आधुनिक खेती और जैबिक खेती को गति देने का प्रयास करना चाहिए. – डॉ. विश्वजीत कदम, कृषि राज्य मंत्री बॉ्नस कम खेती वाले किसानों को स्वयंपूर्ण बनाने के लिए प्रयास करना जरुरी है. कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम बदलते समय के अनुरुप होना चाहिए.