अमरावतीमहाराष्ट्र

डीजी कॉट्स स्पिन अब मनजीत कॉटन

औरंगाबाद के उद्योगपति भूपिन्दर सिंह ने किया प्रारंभ

* ब्राजील जैसा उत्पादन लेना आवश्यक
अमरावती/दि.7– यवतमाल रोड के डीजी कॉट्स स्पिन अब मनजीत कॉटन प्रा.लि. बन गया है. औरंगाबाद के उद्योगपति भूपिन्दर सिंह ने चार दिसंबर से कंपनी का मंगलारंभ किया है. उद्घाटन दौरान धार्मिक अनुष्ठान के रुप में अखंड पाठ साहिब हुआ. उपरांत कीर्तन दीवान हुआ. गुरु का लंगर भी आयोजित किया गया. भूपिन्दर सिंह के साथ गुरमित कौर राजपाल, भूपिन्दर कौर बग्गा, सिमरन टूटेजा, कमलजीत कौर चावला, रिनी होरा, डीपी कौर बग्गा, दिलीप सिंह बग्गा, उस्मीत कौर बग्गा, ईशा कौर बग्गा प्रमुखता से उपस्थित थे.
30 एकड में फैली है डीजी कॉट्स स्पिन
मनजीत कॉटन अंतर्गत दाभा में डीजी कॉट्स स्पिन को शुरू किया गया है. यह कंपनी 30 एकड में स्थित है. मनजीत कॉटन में एनसीएलटी से दो वर्ष पहले डीजी कॉट्स स्पिन को लिया. यहां तीन शिफ्ट में लगभग 850 कर्मचारी काम कर रहे हैं. 30 स्पेंडल मशीनें लगाई गई है. रोज करीब 13 हजार किलो का प्रॉडक्शन होने की जानकारी दी गई.
कॉटन गुरु कहलाते हैं भूपिन्दर सिंह
भूपिन्दर सिंह राजपाल औरंगाबाद के मूल निवासी हैं. वे कॉटन गुरु कहलाते है. उन्होंने एक साक्षात्कार में कॉटन संबंधी अनेक प्रश्नों और जिज्ञासाओं का समाधान का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि भारत में कॉटन महंगा होने से विश्वस्तर पर यहां के उद्यमियों का टिकाव मुश्किल हो जाता है. 2021 में कपास को 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम मिले थे. हालांकि 2 वर्षो बाद यही रेट 8 हजार रुपये तक कम हो गये थे. अभी भी रेट कम ही है. किसानों की लागत की दृष्टी से कपास की पैदावार कम होने से रकबा कम होता जा रहा है. देखा जाए तो प्रति एकड कपास की पैदावार बढाना लक्ष होना चाहिए.
ब्राजील में 5 गुना पैदावार
भूपिन्दर सिंह ने कहा कि भारत में एक एकड में जितना कपास उत्पादन हो रहा है. उसकी तुलना में ब्राजील में 5 गुना अधिक पैदावार हो रही है. इसका कारण वे उन्नत तकनीक के बीज और पध्दती अपनाकर खेती कर रहे हैं. भारत में बीटी कॉटन के तीन चार प्रकार उपलब्ध है. वैश्वीक स्तर पर कॉटन बीज की 6-7 उन्नत तकनीक उपलब्ध हो गई है. ऐसे में भारतीय किसानों को भी उन्नत तकनीक का बीज मुहैया कराना आवश्यक है. इसका दोहरा लाभ होगा. किसानों की प्रति एकड पैदावार बढेगी. देश में कपास का उत्पादन बढने से विश्वस्तर की प्रतिस्पर्धा में यहां के उद्योगपति टिक सकेंगे. बल्कि देश की आमदानी अपने उत्पाद बडी मात्रा में निर्यात कर बढा सकेंगे.
टैक्सटाईल पार्क का स्वागत
भूपीन्दर सिंह ने कहा कि अमरावती में टैक्सटाईल्स पार्क की स्थापना अत्यंत स्वागत योग्य कदम है. क्षेत्र की तरक्की के लिहाज से यह प्रकल्प बडा ही लाभदायी साबित हो सकता है. किसानों और उद्यमियों दोनों का इसमें फायदा निहित है. किंतु कॉट्न गुरु ने यह भी कहा कि पीएम मित्र टैक्सटाईल पार्क में जो उद्यम स्थापित होने जा रहे हैं. उन्हें कम दरों पर बिजली के साथ ही 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. यह स्वागत योग्य है. किसानों की पैदावार बढाने नई तकनीक की खेती आवश्यक है. अमरावती कॉटन बेल्ट माना जाता है. यहां के कपास के रेशे अच्छे निकले तो यहां के किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे. वे भी आर्थिक रुप से थोडे मजबूत हो जाएंगे. अमरावती संभाग में कपास का उत्पादन काफी होता है. इस लिए यहां कपास आधारित उद्यम लगने आवश्यक है. उन्हें सब्सिडी और अन्य प्रकार की राज सहायता भी जरूरी है.

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