शिक्षक मान्यता के नये मापदंड के खिलाफ जिला मुख्याध्यापक संघ का धरना आंदोलन
माध्यमिक जिला शिक्षाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

अमरावती /दि.17– अमरावती जिला माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुख्याध्यापक संघ ने शुक्रवार 16 मई को जिला शिक्षाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि राज्य के माध्यमिक विद्यालयों को हाल ही में प्राप्त 2024-25 की सामान्य मान्यता त्रुटिपूर्ण है और इन सामान्य मान्यता में संशोधन के बाद ही शिक्षकों को अतिरिक्त के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए और उसके बाद ही उनका समायोजन किया जाना चाहिए. यह ज्ञापन राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव समेत शिक्षा आयुक्त और शिक्षा निदेशक को भी भेजा गया है.
शैक्षणिक सत्र 2024-25 की सामान्य मान्यता पर दिनांक 15 मार्च 2024 के निर्णय के अनुसार अमरावती माध्यमिक विद्यालय प्राचार्य संघ द्वारा सुझाए गए संशोधन में प्रधानाध्यापक को सामान्य मान्यता में शून्य के स्थान पर 1 स्टार दिया जाए. कक्षा 9 और 10 में शून्य शिक्षक पद न दर्शाना, 10 छात्रों पर कम से कम दो शिक्षक पद और 10 से अधिक छात्रों पर 3 शिक्षक पद, कक्षा 6, 7 और 8 में 20 छात्रों पर कम से कम 2 शिक्षक और 20 से अधिक छात्रों पर 3 शिक्षक शामिल हैं. संचमान्यता 2024-25 के अनुसार, स्कूलों को बिंदुनामावली को अपडेट करने का समय नहीं मिला है, इसलिए शिक्षक संवर्गवार समायोजन प्रक्रिया को पूरा करना मुश्किल होगा. इसके अलावा कई कारणों के साथ-साथ कई तकनीकी दिक्कतों के कारण भी छात्रों के आधार कार्ड को अपडेट करने में दिक्कतें आ रही हैं, इसलिए छात्रों की जन्मतिथि स्कूल कार्यालय से मान्य की जानी चाहिए.
बयान में आगे कहा गया है कि छात्र पोर्टल पर आधार मान्य नहीं होने के कारण छात्रों की संख्या कम है, इसका खामियाजा स्कूलों को भुगतना पड़ता है, इसलिए आधार प्रणाली की खराबी के कारण स्कूलों और शिक्षकों को नुकसान न हो, जिन छात्रों का आधार अमान्य है, उनकी संख्या को सामान्य मान्यता दी जानी चाहिए. यह गलत है कि स्कूलों में 24-25 विषय शिक्षकों के पदों की आवश्यकता होने पर विशेष शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं और विशेष शिक्षकों के पदों को अतिरिक्त रूप से दर्शाया जाना चाहिए, जबकि अनुदानित और अनुदानित स्कूलों में जिलों को उचित तरीके से दिखाया जाना चाहिए, जिला मुख्याध्यापक संघ ने इस वास्तविकता को सरकार के ध्यान में लाने का प्रयास किया है कि सामान्य मान्यता के नए मानदंड न केवल शिक्षकों पर बल्कि विशेष रूप से सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों के शैक्षिक विकास पर भी असर डालते हैं. यदि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षक नहीं होंगे, तो ग्रामीण और शहरी गरीबों, किसानों, श्रमिकों, मजदूरों, दूरदराज के क्षेत्रों के आदिवासी छात्रों के लिए एक बड़ा शैक्षिक नुकसान होगा. शिक्षा क्षेत्र में स्कूल न जाने वाले छात्रों, ड्रॉपआउट आदि की समस्याएं गंभीर रूप ले लेंगी और राज्य में शिक्षा क्षेत्र को और अधिक प्रभावित करेंगी.
अमरावती जिला मुख्याध्यापक संघ की ओर से अपील की गई कि सामूहिक मान्यता के नए मानदंड, जिसने ऐसी कई समस्याओं को जन्म दिया, को 15 मार्च के सरकारी निर्णय के रूप में संशोधित किया जाना चाहिए और इस सरकारी निर्णय को संशोधित करते समय मुख्याध्यापकों और शिक्षक संघों को विश्वास में लिया जाना चाहिए. बयान में सरकार से शिक्षक समायोजन प्रक्रिया को रोकने का अनुरोध किया गया क्योंकि सामान्य मान्यता में संशोधन होने तक मुख्याध्यापक अपने स्कूलों में रिक्त अतिरिक्त शिक्षक पदों के बारे में उन्हें सूचित नहीं कर पाएंगे. धरना आंदोलन के दौरान सभी ने तीव्र रोष व्यक्त किया. शिक्षकों, स्कूलों और छात्रों से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर शिक्षक, विधायक और जन प्रतिनिधि चुप क्यों हैं. इस दौरान अपील की गई कि शिक्षक और विधायक इस मामले को तुरंत देखें और समस्या का समाधान करें. जिला शिक्षाधिकारी (माध्यमिक) प्रिया देशमुख-मोहोड की ओर से उपशिक्षाधिकारी (माध्यमिक) अमरावती जिला माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचार्य संघ की ओर से निखिल मानकर ने ज्ञापन स्वीकार किया. इससे पहले अमरावती के जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में प्राचार्य संघ की ओर से 3 से 5 बजे तक धरना दिया गया. इस अवसर पर अमरावती जिला मुख्याध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रवीण दिवे की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिला मुख्याध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रवीण दिवे, प्रदीप नानोटे, पूर्व जिला सचिव राजाभाऊ हुतके, जिला कार्यकारी अध्यक्ष नितिन ठाकरे, अमरावती तहसील सचिव रवींद्र उपस्थित थे. हगवाने, जिला उपाध्यक्ष प्रदीप तालोकर, सह-आयोजक प्रवीण लांडे, भडांगे सर, श्रीकांत कडु, राजिक पठान, नंदकिशोर नवरे, दिलीप नवरे, श्रीकांत लाजूरकर, धरना स्थल पर मंजू अडवाणी, मोहसिन अहमद, चाले सर, धनंजय पाठक लवाले, जयंत चिठोरे, प्रमोद धोटे, मिलिंद देशमुख, रवींद्र शेलके, रोमहर्षक काले, अरुण वानखडे सहित जिले की शाला के मुख्याध्यापक व शिक्षक बडी संख्या में उपस्थित थे.