मुंबई/दि.10– गरीब मरीजो को राज्य के धर्मदाय अस्पताल में नि:शुल्क और कम दरो में उपचार मिलने तथा वे सुविधा से वंचित न रहने के लिए विधी व न्याय विभाग अंतर्गत राज्यस्तरीय विशेष कक्ष गठीत किया गया है. मुंबई, उपनगर और नाशिक परिसर के धर्मदाय अस्पताल के प्रतिनिधियों की शनिवार को बैठक हुई. जिसमें उन्हें प्रशिक्षण दिया गया. इस कारण अब जल्द ही कक्ष की तरफ से ऑनलाईन प्रणाली विकसित की जानेवाली है. इस पर धर्मदाय अस्पताल ने कितने मरीजो को उपचार दिया यह दिखाई देखा.
राज्य में कुल 456 धर्मदाय अस्पताल है. इसमें निर्धन मरीजो को लिए 10 प्रतिशत तथा दुर्बल घटक के लिए 10 प्रतिशत बेड आरक्षित कर उन्हें उपचार देने का नियम है. उच्च न्यायालय ने इस बाबत निर्णय दिया है. विधी व न्याय विभाग अंतर्गत आनेवाले धर्मदाय आयुक्त के जरिए इन अस्पतालो पर देखरेख रखी जाती है. धर्मदाय अस्पताल में गरीब मरीजो को उपचार न दिए जाने की शिकायत इसके पूर्व प्राप्त होने से राज्यस्तरीय विशेष कक्ष गठित किया गया है. शनिवार को हुई बैठक में विधी व न्याय विभाग की प्रधान सचिव सुवर्णा केवले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी और उपमुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक, धर्मदाय आयुक्त अमोल कलोती, डॉ. तात्याराव लहाने, डॉ. आनंद बंग, सहायक धर्मदाय आयुक्त भरत गायकवाड, डॉ. गौतम भंसाली और मुंबई, ठाणे, नाशिक विभाग के धर्मदाय अस्पताल के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
* योजना किसे लागू?
निर्धन गुट में आनेवाले व्यक्ति की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार के भीतर रहना चाहिए. उन्हें धर्मदाय अस्पताल में नि:शुल्क उपचार दिया जानेवाला है. वहीं दुर्बल घटक के व्यक्ति की वार्षिक आय 3 लाख 60 हजार के भीतर रहनी चाहिए. उन्हें सुविधा के भाव में 50 प्रतिशत खर्च में उपचार दिया जाएगा. उनका राशन कार्ड पिला अथवा भगवा रहना चाहिए. राज्य में इन सभी 456 अस्पतालो में कुल 12212 बेड है.