जिला व राज्य प्रशासन के कोरोना मृतकों की संख्या में फर्क
आंकडों में 7930 मृतकों की संख्या कम
पुणे/ दि.28 – कोरोना का शिकार बने नागरिकों को राज्य प्रशासन व्दारा दिये गए आंकडे और राज्य के जिला सूचना कार्यालय व्दारा घोषित किये गए आंकडों पर नजर डाले तो इसमें पूरे 7 हजार 930 का फर्क रहने की बात एक सर्वेक्षण में स्पष्ट हुई है. कोरोना बलि के आंकडों में फर्क की यह धांधली 15 जिलों में दिखाई देती है. जिला सूचना कार्यालय व्दारा दिये गए मृतकों के आंकडों की जांच करने पर इन जिलों में राज्य प्रशासन की दृष्टि से 26 हजार 447 लोगों की मृत्यु हुई है तथा जिला सूचना कार्यालय की नोंद के अनुसार 34 हजार 347 लोग कोरोना का शिकार बने है.
जिला सूचना कार्यालय के ट्विटर व राज्य प्रशासन की कोरोना बाबत की सभी प्रकार के हर रोज संशोधित आंकडे दिये जाते है. उसमें हर रोज कुल मृतकों के आंकड बढ जाते है. इस जिला व राज्यों में प्रसिध्द किये कुल आंकडों में काफी फर्क रहने की बात स्पष्ट हुई है.
पुणे जिला सूचना कार्यालय ने 25 अप्रैल को जिले में कुल मृत हुए मरीजों की संख्या 12 हजार 306 बताई है तथा उसी दिन राज्य की ओर से यह आंकडा 9 हजार 20 इतना घोषित किया है. नागपुर जिला सूचना कार्यालय ने कुल मृतकों की संख्या 6 हजार 936 बताई. वहीं राज्य की ओर से यह आंकडा 4 हजार 831 दिखाया गया है. कुछ जिलों में राज्य प्रशासन ने जिला सूचना कार्यालय के आंकडों से ज्यादा संख्या दी है. राज्य ने नांदेड के मृतकों की संख्या 1 हजार 491 घोषित की तथा नांदेड सूचना कार्यालय से यही संख्या 1 हजार 403 दी है. पुणे, औरंगाबाद व नागपुर जिला सूचना कार्यालय से बताया गया कि राज्य सरकार इस्तेमाल कर रहे विशेष अॅप पर यह जानकारी अपलोड करने समय लगता है, वहीं जिला सूचना कार्यालय की ओर से दिये गए आंकडे अपडेट रहते है, जिससे यह फर्क दिखाई देता है. जिसमें कुछ छिपाने का प्रकार नहीं होता.
जिले के आंकडों बाबत कायम पारदर्शकता रखने का प्रयास किया जाता है. इसके लिए सिस्टीम तैयार की है. जिससे अपडेट के समय ऑनलाइन समेत ऑफलाइन भी जानकारी ली जाती है. जिले की ओर से दिये गए आंकडे संशोधित रहते है. राज्य प्रशासन मात्र आईसीएमआर के पोर्टल के स्त्रोत के रुप में इस्तेमाल करते है, वहां आंकडे अपडेट करने के लिए समय लगता है. परिणाम स्वरुप शुरुआत से ही यह फर्क है.
–आयुष प्रसाद, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पुणे जिप.
कोविड के आंकडों बाबत देश में महाराष्ट्र राज्य का कारभार काफी पारदर्शी है. केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल की जानकारी के अनुसार राज्य की रिपोर्ट तैयार होती है. जब तक जिले के आंकडे इस पोेर्टल पर अपडेट नहीं होते तब तक राज्य कोई भी आंकडे ग्राह्य नहीं मानता. किंतु जिले के आंकडे केंद्र के पोर्टल पर अपलोड होने के लिए समय लगता है. परिणाम स्वरुप यह फर्क शुरुआत से दिखाई देता है.
– डॉ.प्रदीप आवटे, राज्य सर्वेक्षण अधिकारी