पदोन्नति में आरक्षण रद्द करने को लेकर महाविकास आघा़ड़ी सरकार में मतभेद
शासनादेश पर लगेगी अस्थाई रोक - नितीन राऊत
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अजित पवार ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उचित कार्यवाही
मुंबई/दि.२२ – प्रदेश में पिछड़े वर्ग के सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण को रद्द करने को लेकर महाविकास आघा़ड़ी सरकार में मतभेद उजागर हो गया है. शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार राज्य के पिछड़े वर्ग के सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण रद्द कर ने के 7 मई के शासनादेश पर अस्थायी रुप से रोक लगाये जाने के बारे में अनभिज्ञ नजर आये.
इससे पहले 19 मई को उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने कहा था कि पदोन्नति के आरक्षण रद्द करने के शासनादेश पर अस्थायी रोक लगाई जाएगी. उपमुख्यमंत्री ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पदोन्नति में आरक्षण रद्द करने के शासनादेश पर अस्थायी रोक लगाने के फैसले के बारे में मुझे मालूम नहीं है. उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि मुझे पता नहीं कि राऊत को यह जानकारी कहां से मिली. राऊत ने बोल दिया तो इस बारे में मैं ज्यादा क्या बोलूं?
यह कहे जाने पर कि राऊत ने मीडिया से बातचीत में इस बारे में बताया है. उपमुख्यमंत्री भड़क गए. उन्होंने ऊंची आवाज में कहा कि मैं कह रहा हूं ना कि मुझे मालूम नहीं है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में अदालत के आदेश का पालन करना पड़ता है. पदोन्नति के आरक्षण के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसला नहीं दिया है. सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद राज्य सरकार उचित कार्यवाही करेगी.