मुंबई दि ३० . महाराष्ट्र में फिर से लॉकडाउन करने के उद्धव ठाकरे सरकार के संकेत पर जोरदार सियासत शुरू हो गई है. इस सियासत में ठाकरे सरकार में शामिल दो पार्टियों NCP और कांग्रेस ने ही दोबारा लॉकडाउन लगाए जाने का विरोध करना शुरू कर दिया है. NCP के बाद अब कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री के संकेत का विरोध करते हुए लॉकडाउन नहीं होने देने की बात कही है. कांग्रेस का कहना है कि बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए कड़ी पाबंदियां जरूर लगाई जानी चाहिए, लेकिन दोबारा लॉकडाउन होने से लोगों को काफी दिक्कतें हो सकती है.
मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि कांग्रेस की कोशिश होगी कि लॉकडाउन न हो, क्योंकि इससे लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए कड़ी पाबंदियां जरूर लगाई जानी चाहिए, लेकिन लॉकडाउन करना ठीक नहीं है. दरअसल बढ़ते रिकॉर्डतोड़ कोरोना मामलों को देखते हुए कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी और कोरोना पर लगाम लगाने के लिए दोबारा लॉकडाउन के संकेत दिया था. जिसके बाद बीजेपी ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था.
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MNS भी कर रही है विरोध
इस विरोध में अब राज ठाकरे की पार्टी MNS भी कूद पड़ी है. MNS नेता संदीप देशपांडे ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए लॉकडाउन और नाईट कर्फ्यू का सहारा ले रही है. देशपांडे ने कहा कि कहीं भी यह सिद्ध नही हुआ है कि लॉकडाउन करने से कोरोना मामले कम हुए हैं. सरकार पूरी तरह से फेल रही है और जनता सवाल न पूछे, इसके लिए अलग-अलग जरिए से उनको भटकाया जा रहा है.
इस मामले में शिवसेना और मुख्यमंत्री के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई है. मुख्यमंत्री को अपने सहयोगी दलों को भी समझाना है और विपक्ष के विरोध से भी निपटना है. इतना ही नही, बढ़ते कोरोना मामलों को रोकना और अगर लॉकडाउन होता है तो उसके लिए जनता को मनाना भी ठाकरे सरकार के लिए किसी बड़ी मुश्किल से कम नही होगा.