‘ नैक’ मूल्यांकन नहीं कराने वाले कॉलेजों की बढेंगी मुश्किलें
विद्यापीठों को कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करनी होगी
* उच्च शिक्षा संचालक डॉ. देवलाणकर के आदेश
पुणे./दि.12- नैक मूल्यांकन न कराने वाले कॉलेजों की मुश्किलें बढने की संभावना दिखाई दे रही है. शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के प्रथम वर्ष की प्रारंभ तिथि तक नैक मूल्यांकन और पुनर्मूल्यांकन नहीं कराने वाले कॉलेजों पर की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश उच्च शिक्षा संचालक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर ने राज्य के विद्यापीठों को दिए है.
इस आदेश के नैक मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन नहीं कराने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करने का प्रावधान विद्यापीठ अधिनियम में रहने से राज्य के कितने कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, इसकी आंकडेवारी जल्द ही उपलब्ध हो सकते है. राज्य के अनुदानित, गैर अनुदानित महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन अनिवार्य है, लेकिन कई कॉलेज इसे नजरअंदाज करते है. उच्च शिक्षा विभाग इस संबंध में बार-बार निर्देश दे चुका है और प्रथम वर्ष में ही प्रवेश न देने की चेतावनी भी दे चुका है. हालाकि, इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके परिणामस्वरूप उच्च शिक्षा संचालक डॉ.शैलेंद्र देवलाणकर ने 23 मई को परिपत्र जारी किया और नैक मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन ने करने वाले कॉलेजों की संलग्नता रद्द करने के आदेश विद्यापीठ के कुलसचिवों को दिए थे. अब तक नैक मूल्यांकन नहीं रहने वाले, तथा मूल्यांकन अवधि समाप्त होने के बाद पुनर्मूल्यांकन न करने वाले कॉलेजों को संलग्नता न देने संबंध में विद्यापीठ अधिनियम में प्रावधान है. इसलिए नैक मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन नहीं रहने वाले कॉलेजों ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 की शुरुआत तक मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर संबंधित कॉलेजों की संलग्नता रद्द करने के निर्देश डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर ने दिए थे. इसी पृष्ठभूमि पर प्रथम वर्ष प्रारंभ होने की तिथि तक जिन कॉलेजों का नैक मूल्यांकन एवं पुनर्मूल्यांकन नहीं हुआ है, उनकी संलग्नता समाप्त करने के लिए विद्यापीठों द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है, इस संबंध में सरकार स्तर पर एक बैठक ली जाएगी. इसलिए विद्यापीठों ने संबंधित महाविद्यालयों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का आदेश उच्च शिक्षा संचालक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर ने राज्य के सभी विद्यापीठों को दिए है.