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महिला नीति के मसौदे पर बजट सत्र के दौरान हो चर्चा

विधान परिषद सभापति रामराजे नाईक का कथन

* महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने सर्वसमावेशक महिला नीति पर अमल की बात कही
मुंबई/दि.17– आज भी महिलाओं के साथ दुय्यम दर्जे का व्यवहार होता है. यह अपने आप में वस्तुस्थिति है. हालांकि राज्य के सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं का महत्वपूर्ण सहभाग है. किंतु फिर भी समाज की मानसिकता में बदलाव होना बेहद जरूरी है. ऐसे में महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु सरकार पूरी तरह से प्रयासशील है. अत: चौथी महिला नीति के प्रारूप मसौदे पर विधानमंडल के आगामी बजट सत्र में चर्चा की जाये. इस आशय का प्रतिपादन विधान परिषद के सभापति रामराजे नाईक निंबालकर द्वारा किया गया.
आज विधान भवन में चौथी महिला नीति के प्रारूप पर सुझाव व अभिप्राय देने हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्‍हे, महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर, विधायक मंजुला गावित, गीता जैन, राजेश पाटील, श्रीनिवास बनगा, महादेव जानकर, एड. संगीता चव्हाण, संजय शिंदे, प्रताप अडसड, अरूण लाड, भीमराव केरम तथा महिला व बालविकास विभाग की सचिव आय. एस. कूंदन उपस्थित थे. इस बैठक में महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, उनका महकमा सर्वसमावेशक महिला नीति को बनाने व अमल में लाने का पक्षधर है और इस दिशा में तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यद्यपि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की समस्याओं का स्वरूप अलग है. ऐसे में सभी क्षेत्र की महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है. साथ ही इस समय महिला व बालविकास विभाग की ओर से महिलाओं के संदर्भ में किये जा रहे कामों की जानकारी प्रधान सचिव आय. एस. कूंदन द्वारा दी गई.

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