टोरेस घोटाले के बाद एमपीआईडी कानून की चर्चा

मुंबई /दि. 21– लोगों को निवेश पर दोगुने रिटर्न का लालच दिखाते हुए उनके साथ जालसाजी करनेवाली टोरेस कंपनी का घोटाला राज्य में उजागर हुआ है. टोरेस कंपनी द्वारा हजारों लोगों के साथ धोखाधडी व जालसाजी की गई. जिसे लेकर मिली शिकायतों के चलते अब टोरेस कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु की गई है. जिसके चलते महाराष्ट्र प्रोटेक्शन इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स (एमपीआईडी) नामक कानून अचानक ही चर्चा में आ गया है. यह कानून महाराष्ट्र में निवेशकों के हितों का रक्षण करता है और यदि किसी वित्तिय कंपनी द्वारा निवेशकों के साथ जालसाजी की जाती है और उनके पैसे वापिस नहीं लौटाए जाते तो संबंधित कंपनी के खिलाफ एमपीआईडी कानून के तहत कार्रवाई की जाती है.
बता दें कि, विगत दिनों ही महाराष्ट्र में टोरेस निवेश घोटाला सामने आया. इस घोटाले में टोरेस कंपनी के नाम पर हजारों निवेशकों के करोडों रुपए डूबा दिए गए. कंपनी ने निवेशकों को ज्यादा रिटर्न का सपना दिखाकर उनसे अच्छी-खासी रकम भी मिली और फिर यह कंपनी अचानक ही बंद हो गई. जिसे निवेशकों की पूरी रकम डूब गई. ऐसे में अब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने टोरेस कंपनी के निवेशकों को राहत देनेवाली कार्रवाई की है. जिसके चलते अगले 6 माह के दौरान निवेशकों के करीब 40 करोड रुपए वापिस मिलने की संभावना है. मुंबई पुलिस ने टोरेस कंपनी की जब्त संपत्ति की नीलामी करने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है. यह नीलामी एमपीआईडी कानून के अनुसार होगी और नीलामी से आई रकम को निवेशकों के बीच वितरित किया जाएगा.