न्यायालय के कर्मचारी की बर्खास्तगी नियमानुसार ही
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नागपुर/दि.20– भंडारा जिला व सत्र न्यायालय अंतर्गत कार्यरत एक महिला कर्मचारी की बर्खास्तगी के आदेश कानूनन ही है, ऐसा मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने स्पष्ट कर इस आदेश के खिलाफ की याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति विनय जोशी व न्यायमूर्ति मुकुलिका जवलकर ने यह फैसला सुनाया.
रेखा मुंडले नामक याचिकाकर्ता कर्मचारी का नाम है. उसकी सफाई कामगार पद पर नियुक्ति की गई थी. पवनी के कनिष्ठ स्तर दिवानी न्यायालय में कार्यरत रहते उसके गैरव्यवहार संदर्भ में सहायक अधीक्षक, दो विशेष सहायक सरकारी वकील व तीन सिपाही ने शिकायत की. प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश द्वारा शिकायत पर विभागीय जांच करवाई गई. तब मुंडले के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए. इस कारण दो साल की परीविक्षा कालावधि समाप्त होने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया. इस संदर्भ में 31 मार्च 2021 को आदेश जारी किए गए. इस पर मुंडले की आपत्ति थी. इस कारण उसने उसके न्यायालय में याचिका दायर की थी. मुंडले की तरफ से एड. शील्पा गिरटकर ने काम संभाला.