महाराष्ट्र

वाहनों पर जुर्माना वसूलने पर विवाद

निजी कंपनी को ई-चालान के लिए करोडों रुपए केवल महाराष्ट्र में ही

मुंबई दि.30– महामार्ग और शहर में वाहन रोककर लंबित जुर्माना अदा करो तभी वाहन छोडे जाएंगे, ऐसा कहनेवाले ट्रैफिक जवान अनेकों को मिलते हैं. अनेको को इस जुर्माने की कल्पना ही नहीं रहती है. ई-चालान जारी होते ही वाहन चालक को जानकारी देने की जिम्मेदारी पूर्ण न करते हुए होने वाली इस कार्रवाई पर कानूनन प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है. विशेष यानी इसके लिए एक निजी कंपनी को सरकार करोडों रुपए दे रही है.
राज्य में जुलाई 2019 से ट्रैफिक नियम प्रकरणों के लिए ई-चालान प्रणाली शुरु हुई. जगह पर जुर्माना लेते समय होने वाले भ्रष्टाचार का आरोप और हमले टालने का इसके पीछे का मकसद है. लेकिन ई-चालान जारी होने की जानकारी वाहनधारक को नहीं मिलती और अचानक जुर्माना लंबित बताकर वाहन रोके जा रहे हैं. महाराष्ट्र पुलिस के ई-चालान पर अमल दिसंबर 2019 से निजी कंपनी कर रही है. चालान जारी होने के बाद सूचित करने की जिम्मेदारी यह कंपनी के पास है. ई-चालान जारी होने के बाद इसकी वसूली हो अथवा ना हो, लेकिन इस कंपनी को 14 रुपए मिलते हैं. प्रतिवर्ष पुलिस करीबन 2 करोड ई-चालान जारी करती है.
महाराष्ट्र में ही परिवहन विभाग की तरफ से जारी होने वाले ई-चालान पर अमल एनआईसी नामक शासकीय यंत्रणा के जरिए किया जाता है. एनआईसी यह सेवा नि:शुल्क देती है. देश के 23 राज्यों के 50 परिवहन विभाग में एनआईसी की नि:शुल्क सेवा है. पुलिस को नि:शुल्क सेवा देने के लिए तैयार रहने की बात एनआईसी ने सूचित की है. फिर भी करोडो रुपए हर वर्ष निजी कंपनी को देने वाला महाराष्ट्र यह एकमात्र राज्य है इस कारण विवाद निर्माण हो रहा है. एनआईसी के पास की जानकारी का डेटा नेशनल डेटा सेंटर के पास जमा होता है. इस कारण सुरक्षिता की गारंटी है. निजी कंपनी के पास डेटा के सुरक्षितता का प्रश्न है. ई-चालान की जानकारी देने का नियम जारी होते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 तक सभी चालान रद्द किए है.

* नियम क्या कहते है
केंद्रीय मोटार वाहन नियम 2021 अंतर्गत धारा 7 के मुताबिक ई-चालान की जानकारी वाहनधारक को एसएमएस, ई-मेल अथवा प्रत्यक्ष लिखित सबूत के साथ देनी चाहिए. कैमरे के जरिए जांच करने के स्थल के पूर्व आगे जांच शुरु रहने की जानकारी देनेवाला फलक लगाना आवश्यक है.

* कार्रवाई के लिए पुलिस ने क्या करना चाहिए
मोबाइल में फोटो लेकर सर्वर को भेजना, सर्वर से ई-चालान वाहनधारक को एसएमएस, ई-मेल से अथवा प्रत्यक्ष सूचित करना, जुर्माना अदा न करने पर अदालत में प्रकरण भेजना यह पुलिस का काम है.

* पुलिस को यह अधिकारी नहीं
समय पर जानकारी नहीं दी इस मुद्दे पर इसी माह में केरल उच्च न्यायालय में एक पुलिस जवान ने ई-चालान रद्द करने के लिए दाखिल की याचिका उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर सरकार को नोटिस जारी की है. जुर्माना वसूलने के लिए वाहन रोककर रखने अथवा जब्त करने का अधिकार पुलिस को किसी भी कानून में नहीं है.

* कहां करें शिकायत
ई-चालान गलत रहने पर 8448448960 हेल्पलाइन पर अथवा महा ट्रैफिक एप पर शिकायत दर्ज करते आ सकती है. निमय के उल्लंघन के समय हमवाहन चलाते न हो तो सबूत के साथ सूचित करने का प्रावधान केंद्रीय मोटार वाहन नियम 2021 की धारा 10 में है.

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