मुंबई/दि.12– बीमारी के कारण न कमा पानेवाले पति को प्रतिमाह 10 हजार रुपए देखरेख का खर्च देने का आदेश उच्च न्यायालय ने विभक्त पत्नी को दिए. हिंदू कानून के प्रावधान में ‘जोडीदार’ शब्द दर्ज किया गया है. इसमें पति और पत्नी दोनों का भी समावेश है, ऐसा न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की एकलपीठ ने 2 अप्रैल के आदेश में कहा है.
विभक्त पति बीमारी के कारण कमा नहीं सकता. यह बात पत्नी नामंजूर नहीं कर सकती. पति खुद की देखभाल करने में असमर्थ है और पत्नी के पास आय के स्त्रोत रहने से उसे पति को अंतरिम देखरेख का खर्च देना अनिवार्य है, ऐसा न्यायमूर्ति देशमुख ने कहा. दिवानी न्यायालय के आदेश को चुनौति देनेवाली पत्नी की याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी.