महाराष्ट्र

‘उन’ पांच पुलिस वालों की एसआईटी जांच करो

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया निर्देश

* अक्षय शिंदे फर्जी एन्काउंटर का मामला
मुंबई /दि.8– अक्षय शिंदे के फर्जी एन्काउंटर मामले में राज्य सरकार द्वारा अपराध दर्ज करने को लेकर टालमटोल की जा रही है. परंतु इसकी अनदेखी करने से काम नहीं चलेगा, ऐसा कहते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने एन्काउंटर में शामिल 5 पुलिस कर्मियों की विशेष जांच पथक यानि एसआईटी के जरिए जांच करने का आदेश राज्य सरकार के नाम जारी किया है.
न्या. रेवती मोहिते डेरे व न्या. नीला गोखले की दो सदस्यीय खंडपीठ का कहना रहा कि, ललिता कुमारी मामले में दिये गये आदेश का पालन करना और मामले को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाना पुलिस का कर्तव्य है. अक्षय शिंदे एन्काउंटर मामले की सघन जांच को जरुरी बताते हुए अदालत ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे भी सुनवाई के दौरान उठाये और एन्काउंटर में शामिल पांच पुलिस वालों की एसआईटी के जरिए जांच किये जाने का निर्देश भी राज्य सरकार के नाम जारी किया.

* स्थगिति देने का निवेदन खारिज
यदि कोई याचिकाकर्ता सामने नहीं आया तो पुलिस सहित कोई भी फौजदारी कानून लागू कर सकता है. जिसके चलते न्याय व्यवस्था पर जनता का विश्वास कायम रहेगा. एसआईटी इस मामले के निष्कर्ष तक पहुंचने हेतु हर संभव प्रयास करेगा. ऐसा न्यायालय का कहना रहा. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के इस फैसले पर दो सप्ताह की स्थगिति देने का निवेदन किया था. परंतु राज्य सरकार ने इस निवेदन को खारिज कर दिया.

* एसीपी गौतम के नेतृत्व में एसआईटी
बॉॅम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के सह पुलिस आयुक्त लक्ष्मी गौतम के नेतृत्व तले एसआईटी स्थापित करने का आदेश दिया है. साथ ही गौतम को उनकी पसंद की अधिकारी चुनने की स्वतंत्रता भी अदालत द्वारा दी गई है. इसके अलावा स्टेट सीआईडी को इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज दो दिन के भीतर एसआईटी के सुपुर्द करने का निर्देश भी दिया गया है.
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* क्या है मामला?
बदलापुर की शाला में दो नाबालिग छात्राओं के साथ अत्याचार करने के मामले में पकडे गये आरोपी अक्षय शिंदे ही फर्जी एन्काउंटर में हत्या किये जाने का आरोप अक्षय शिंदे के पिता द्वारा लगाया गया था. इस आरोप में तथ्य रहने की बात दंडाधिकारी अदालत द्वारा अपनी रिपोर्ट में कही गई है. जिसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कई बार अपराध दर्ज किये जाने के बारे में पूछताछ की थी. परंतु राज्य सरकार की ओर से अपेक्षित जवाब नहीं आने के चलते हाईकोर्ट ने शिंदे के पिता की याचिका पर सुनवाई पूरी कर अपने निर्णय को सुरक्षित रख लिया था और सोमवार को अदालत ने इस याचिका पर अपना फैसला सुनाया.

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