अमरावतीमहाराष्ट्र

क्या जजों को करना पड रहा स्टेनो का काम!

कोर्ट की व्यवस्था चरमराने का दावा

* न्यायदान हो रहा प्रभावित
अमरावती /दि. 29– जिला न्यायालय में विगत कुछ दिनों से प्रशासकीय व्यवस्था चरमरा गई है. जिले के कोने-कोने से आनेवाले पक्षकारों को मायूस होकर लौटना पड रहा है. न्यायदान पर असर हो रहा है. कहा जा रहा है कि, स्टाफ की कमी के कारण न्यायाधीशों को स्टेनो की तरह काम करना पड रहा है.
* 3 मार्च को लोकअदालत
आमपौर पर कोर्ट का कामकाज तारीखों में उलझा हुआ रहता है. मामूली से मामूली केस के लिए बरसों लग जाते हैं. कई मामले में न्याय के इंतजार में वादी की मृत्यु हो जाती है. उसे न्याय नहीं मिलता. अदालतों में हजारों-लाखों की संख्या में केसे पेंडिंग है. लोकअदालतों के आयोजन के बावजुद पेंडिंग केसेस की संख्या कम नहीं हो रही है. आगामी रविवार 3 मार्च को लोकअदालत का फिर आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है.
* जिला कोर्ट में व्यवस्था
रोजाना नए-नए केसेस भी दाखिल हो रहे है. विधि क्षेत्र में जारी चर्चा के अनुसार जिला कोर्ट में इन दिनों व्यवस्था चरमरा चुकी है. एक सरकारी वकील के जिम्मे अनेक कोर्ट का कामकाज रहने से बोर्ड पर आनेवाली केसेस और गवाहों के बयान लेने में दिक्कते आ रही है. चर्चा यह कह रही है कि, जाहीर से बात है, एक सरकारी वकील एक वक्त में एक कोर्ट में ही हाजीर हो सकता है. ऐसे में दूसरे कोर्ट में हाजीर न होने के कारण महत्वपूर्ण केसे लटक रहे है.
* स्टेनो की सीट पर जज
निजी वकील और उनके पक्षकारों को मायुस होना पड रहा है. बताया जाता है कि, कोर्ट में स्टाफ की कमी है. ऐसे में कुछ जजों को स्टेनो का काम करना पड रहा है. जज जब स्टेनो की सीट पर बैठकर काम कर रहे होते है तब जज अनुपस्थित रहने का एहसास पक्षकारों औ निजी वकीलों को हो रहा है. मामुली केसेस में भी 6-6 माह लग रहे है. सुनवाई पूर्ण होने के बाद भी ऑर्डर करने के लिए महिनों लग रहे है. कोर्ट की व्यवस्था चरमरा ने से कोर्ट से जुडे हर व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड रहा है.

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