राज्य के 400 से अधिक निवासी डॉक्टर कोरोना बाधित
मुंबई पालिका अस्पताल के 73 व जे.जे. अस्पताल के 74 डॉक्टरों का समावेश
मुंबई/दि.12 – कोरोना काल में मरीजों का उपचार करनेवाले डॉक्टरों में कोरोना के लक्षण पाए जा रहे है. कोरोना बाधित निवासी डॉक्टरों की संख्या दिनों दिन बढ रही है. दो महीनों में राज्य के 463 निवासी डॉक्टर कोरोना संक्रमण के शिकार हुए है. राज्य में कोरोना की चपेट में आए निवासी डॉक्टरों में मुंबई पालिका अस्पताल के लगभग 73 तथा जे.जे. अस्पताल के 74 निवासी डॉक्टरों का समावेश है.
जे.जे. अस्पताल के 74 निवासी डॉक्टर पिछले दो महीनों से कोरोनाग्रस्त है. निवासी डॉक्टर सतत राज्य के शासकीय, वैद्यकीय महाविद्यालय अस्पतालों में अत्यावश्यक सामग्रीयों की किल्लत बता रहे है. उन्हें मरीजों का उपचार करने में अनेकों दिक्कतें आ रही है ऐसा मत निवासी डॉक्टर माई संगठना के अध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर ढोबले ने व्यक्त किया. अभी मरीजों की संख्या बढने से डॉक्टरों का समय भी बढ गया है. निवासी डॉक्टरों को कोरोना अस्पतालों में 12-12 घंटे काम करना पड रहा है. इसके अलावा नॉन कोविड वार्ड में भी वे अपनी सेवा दे रहे है.
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आवश्यक साधनाेंं व सामग्री का व्यवस्थापन करें
कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी से बढ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा भार डॉक्टरों पर पडने वाला है. प्रत्येक अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए समान बेड की व्यवस्था की गई है. जिसके चलते डॉक्टरों पर तनाव कम होगा. राज्य के सभी शासकीय, पालिका, वैद्यकीय महाविद्यालय यहां आवश्यक संसाधनों व सामग्री का व्यवस्थापन किया जाए ऐसी मांग डॉक्टरों द्बारा की जा रही है.
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कोरोना बाधित निवासी डॉक्टरोें की संख्या
जे.जे. अस्पताल मुंबई- 74, नागपुर वैद्यकीय महाविद्यालय 38, नायर अस्पताल 24, केइएम अस्पताल मुुंबई 28, सायन अस्पताल मुंबई 21, शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय सोलापुर 24, जीएमसी अंबाजोगाई 9, आरजेएमसी ठाणे 4, बीजेएमसी पुणे 75, पीसीएमसी पिंपरी 6, वीडीजी आयएमएस लातुर 6, वीएमसी नांदेड 20, जीएमसी यवतमाल 22, जीएमसी अकोला 13, आयजीजीएमसी नागपुर 24, जीएएमसी आयसीएमएम कोल्हापुर 3, एसबीएचजीएसमसी धुलिया 2, जीएमसी औरंगाबाद 65, जीएमसी मिरज 5 टोटल 463.