महाराष्ट्र

पीएम केयर्स फंड से कॉरपोरेट कंपनियों को दिया जा रहा दान

कांग्रेस नेता सचिन सावंत का आरोप

मुंबई/दि. 14 – देश में एक ओर जहां कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) ने कोहराम मचा रखा है वहीं राजनीतिक पार्टियां एक जुट होकर कोरोना की जंग लड़ने के बजाय एक दूसरे पर आरोप-प्रत्‍यारोप लगा रही हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत (Sachin Sawant) ने आरोप लगाया है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज औरंगाबाद (Aurangabad) द्वारा नियुक्त चिकित्सा विशेषज्ञों की समिति ने संस्थान को पीएम केयर्स फंड के तहत उपलब्ध कराए गए सभी वेंटिलेटर को बेकार पाया है. उन्‍होंने ट्वीट कर बताया है कि समिति की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के तकनीशियन भी उन वेंटिलेटर की मरम्मत नहीं कर सके. ये एक बड़ा घोटाला है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ‘हम केंद्र द्वारा महाराष्ट्र को प्रदान किए गए सभी वेंटिलेटरों की राज्य स्तरीय जांच की मांग करते हैं.’ उन्‍होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड के माध्यम से बर्बाद किया गया समय और जनता का पैसा अक्षम्य है. मोदी सरकार ने सभी कॉरपोरेट कंपनियों को इस अपारदर्शी फंड में दान करने के लिए बनाया है. उन्‍होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यही कारण है कि पीएम केयर्स फंड की आरटीआई के तहत जानकारी नहीं मांगी जा सकती है.
इससे पहले देश कांग्रेस कमेटी ने आरोप लगाया था कि कोरोना को लेकर विदेशों से मिल रही मदद के बंटवारे में महाराष्ट्र के साथ भेदभाव किया जा रहा है. सचिन सावंत ने कहा था कि कोरोना का मुकाबला करने के लिए 40 देशों से सहायता सामग्री भारत आई है पर इसके वितरण में महाराष्ट्र को नजरअंदाज किया जा रहा है.

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