10 वीं और 12 वीं पास विद्यार्थियों को दूसरी कक्षा की किताबें भी पढते नहीं आती?
25 फीसद विद्यार्थियों की यह अवस्था
* प्रथम फाउंडेशन की रिपोर्ट से उजागर
मुंबई/दि.18– उच्च शिक्षा लेने की कगार पर रहे 14 से 18 वर्ष की आयु के कक्षा 10 वीं से 12 वीं के 25 प्रतिशत विद्यार्थियों को प्रादेशिक भाषा के दुसरी कक्षा की किताबे भी ठिक तरह से पढते नहीं आने की प्रथम फाउंडेशन की ‘असर’ रिपोर्ट से सामने आयी है. इतनी ही नहीं, बल्कि 2017 की तुलना में भाषिक व गणित कौशल्य में भी विद्यार्थी पिछड गये है. विशेष यानि इस आयु वर्ग की छात्राएं भाषा के दुसरी कक्षा का पाठ पढने में तथा छात्र गणित हल करने में अव्वल दिखाई दिये है, ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है.
* दैनंदिन व्यवहार में भी पिछडे
– दैनंदिन जीवन में लगने वाले कौशल्य जांच के लिए छात्रों को टेपपट्टी से एक वस्तु का नापजोख शुन्य आरंभ बिंदू से करने कहा गया. वह 85 प्रतिशत छात्रों ने पूरा किया.
– पट्टी आरंभ बिंदू से हिलाई गई, तब उस वस्तु का नापजोख 40 प्रतिशत छात्रों को ही करते आया. बैंक व्यवहार के लिए लगने वाले व्यवहारिक कौशल्य का भी छात्रों में अभाव दिखाई दिया.
* आयु वर्ग के मुताबिक शालाबाह्य विद्यार्थी
18 वर्ष 32.6 प्रतिशत
16 वर्ष 10.9 प्रतिशत
14 वर्ष 3.9 प्रतिशत
* कहीं प्रगती, तो कहीं अधोगति
विषय 2017 2023
वाचन कौशल्य 76.6% 73.6%
अंक गणित 39.5% 43.3%