महाराष्ट्र

गोंदिया- बल्लारशाह रेलमार्ग के दोहरीकरण को मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय

गोंदिया/ दि. 5– केन्द्र सरकार ने रेलवे के लिए अनेक बडे प्रकल्पों की घोषणा की है. प्रकल्पों की घोषणा शुक्रवार 4 अप्रैल को की है. इस रेलवे प्रकल्पों को मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दी है. इसमें गोंदिया- बल्लारशाह रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए 4819 करोड रूपए की निधि को मंजूरी दी गई है. इस कारण अनेक साल से की जा रही मांग अब पूर्ण हुई है.
केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को गोंदिया- बल्लारशाह रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए प्रकल्प को मंजूरी देने की घोषणा की. इस प्रकल्प के तत्कालीन सांसद सुनील मेंढे के कार्यकाल में डीपीआर को मंजूरी दी गई थी. इसके लिए 4819 करोड रूपए खर्च आनेवाला है. इस रेलमार्ग की लंबाई 240 किलोमीटर है. हाल ही में वडसा- गडचिडोली रेलमार्ग को मंजूरी मिली है. इस कारण पोलाद नगरी वाला गडचिरोली जिला रेलवे के नक्शे पर आने से खनिज पोलाद और प्रक्रिया किया लोहा माल यातायात के लिए सुविधाजनक होगा. भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली व चंद्रपुर जिले के वनक्षेत्र को और वन्यजीव पर्यटन में बढोतरी होनेवाली है. गोंदिया बल्लारशाह यह प्रमुख रेलमार्ग उत्तर के राज्यों को दक्षिण के राज्यों से जोडता है. नागझीरा अभयारण्य और नवेगांव बांध राष्ट्रीय उद्यान आदि अनेक प्रमुख पर्यटन स्थल इसमें आते है. इस कारण महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाडा प्रदेश व तेलंगना के अनेक जिलों में आर्थिक व्यवहार में गति आने में भी सहायता होनेवाली है.

* चारों जिलों के लिए वरदान साबित होगा
उत्तर भारत व पूर्व भारत तथा दक्षिण भारत से जोडनेवाला यह रेलमार्ग काफी सुविधा का होने से इन क्षेत्रों का आवागमन काफी सुविधा का हुआ है. इन चारों जिलों का खनिज, कोयला,मैग्निज और पोलाद का माल यातायात भी बढेगा. इस कारण यह दोहरीकरण चारों जिलों के विकास को वरदान साबित होगा.

* इन प्रकल्पों की विशेषता
लाभार्थी जिले – गोंदिया, भंडारा, गडचिरोली, चंद्रपुर.
कुल रेलवे स्टेशन – 21.
पुल – 48 बडे पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयुबी, 5 रेलवे उडानपुल .
रेलमार्ग की लंबाई – 278 किलो मार्ग की लंबाई, ट्रैक की लंबाई 615 किलोमीटर.
डीजल की बचत- हर वर्ष 22 करोड लीटर.
लॉजिस्टिक खर्च में बचत – हर वर्ष 2520 करोड.

विकास को गति मिलेगी
गोंदिया – भंडारा जिले के पर्यटन व उद्योग को गति मिलने के लिए गोंंदिया- बल्लारशाह रेलमार्ग का दोहरीकरण का महत्वपूर्ण प्रश्न था. इसके लिए शुरूआत से ही प्रयास जारी थे. केन्द्रीय रेलमंत्री और संबंधित विभाग के पास लगातार प्रयास किए गये थे. इसे सफलता मिली है. इस रेलमार्ग के दोहरीकरण के कारण विकास में सुविधा होगी और गति भी मिलेगी.
प्रफुल पटेल, सांसद

काफी समय से थी मांग
गोंदिया- भंडारा जिले के उद्योग व पर्यटन को गति मिलने और रेल यातायात अधिक गतिमान होने के लिए गोंदिया- बल्लारशाह रेलमार्ग पर दोहरीकरण करने की मांग की गई थी. उसके डीपीआर को मेरे कार्यकाल में मंजूरी मिली थी. शुक्रवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रकल्प को मंजूरी दी है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन व केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
सुनील मेंढे, पूर्व सांसद

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