रोजगार जाने से बच्चे को बेचने की आयी नौबत
माता-पिता सहित एजंट महिला को किया कल्याण में गिरफ्तार
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पत्नी व सात बच्चों के पालन पोषण की विवंचना
कल्याण/दि.24 – कोरोना महामारी के चलते होने वाले लॉकडाउन व कड़े नियमों के कारण रोजगार न रहने से उल्हासनगर के एक रिक्षा चालक ने परिस्थिति से परेशान होकर अपने ही बेटे को 90 हजार रुपए में बेचने का प्रयास किया. पत्नी एवं सात बच्चों का पालन पोषण किस तरह किया जाये, इस बारे में रिक्षाचालक चिंतित था. जिला महिला बालसंरक्षण कक्ष व्दारा कल्याण रेल्वे स्टेशन पर जाल बिछाकर माता-पिता सहित महिला एजंट को शनिवार की रात गिरफ्तार किया. तोनों को कल्याण के महात्मा फुले चौक पुलिस के ताबे में किया गया है.
साईनाथ भोईर यह उल्हासनगर का मूल निवासी है. रिक्षा चलाकर वह परिवार का उदरनिर्वाह करता है. उसके परिवार में पत्नी और सात बच्चे है. विगत मार्च माह से लॉकडाउन शुरु हुआ. लॉकडाउन शुरु होने से पहले सार्ईनाथ पर कर्ज था. फिर से निर्बंध लागू होने से आय के अभाव में घर खर्च चलाना उसके लिये कठिन हो गया था. इसी कालावधि में मानसी जाधव नामक महिला उसके संपर्क में आयी. मानसी पहले एक सामाजिक संस्था में काम पर थी.
मानसी ने साईनाथ को उसके पांच माह का बेटा मांगा. उसके बदले में उसने साईनाथ को 90 हजार रुपए देने की बात कबूल की. मानसी को दूसरे के पास से इस बच्चे के बदले दो लाख मिलने वाले थे. इस बात की जानकारी मिलते ही पूछताछ के लिये जिला महिला व बालविकास विभाग व्दारा नकली ग्राहक भेजा गया.
उसके माध्यम से मानसी, साईनाथ और उसकी पत्नी बच्चे को लेकर कल्याण रेल्वे स्टेशन परिसर के दीपक होटल में आने की जानकारी संबंधित विभाग को मिली. जिसके अनुसार जिला महिला बालसंरक्षण अधिकारी रामकृष्ण पेड्डी, पल्लवी जाधव, रोहिणी शिरसाट, कृष्णा मोरे की टीम ने कल्याण अपराध शाखा के अधिकारी अशोक कडलक सहित जाल बिछाकर तीनों को गिरफ्तार कर उन्हें पुलिस के हवाले किया.
बच्चे खरीदी-बिक्री का रॅकेट?
मानसी यह बच्चे खरीदी-बिक्री का व्यवहार कितने दिनों से कर रही है, इस बारे में पुलिस जांच जारी है. जांच के दौरान और अधिक जानकारी मिल सकती है.
– रामकृष्ण रेड्डी, जिला महिला बालसंरक्षण अधिकारी