* महाराष्ट्र के प्याज पर उम्मीदें
पुणे/ दि.29-दक्षिणी राज्य तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश के अलावा कर्नाटक में बेमौसम बारिश से इस क्षेत्र के नये प्याज को जबर्दस्त झटका लगा है. दक्षिण की तुलना में इस बार महाराष्ट्र में प्याज का नुकसान कम हुआ है. इसके चलते महाराष्ट्र के प्याज पर दक्षिण राज्य के लोगों की उम्मीदें बनी हुई है. राज्य के बाजार में नए लाल प्याज की कम ज्यादा प्रमाण में आवक शुरु है. कुछ दिनों में दक्षिण राज्यों से भी महाराष्ट्र के प्याज की डिमांड बढेगी, यह जानकारी प्याज व्यापारियों ने दी है.
बता दें कि प्याज के उत्पादन में राज्य के प्याज की ग्रेड सबसे अच्छी मानी जाती है. महाराष्ट्र सहित कर्नाटक, गुजरात, मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान के अलवार जिले में प्याज का उत्पादन लिया जाता है. दक्षिणी राज्यों में तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक इन राज्यों में प्याज का उत्पादन लिया जाता है. यहां का प्याज स्थानीय स्तर की जरुरतों को पुरा करता है. केरल में प्याज का उत्पादन नहीं लिया जाता है. मध्यंतर में हुए मुसलाधार बारिश से तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश के अलावा कर्नाटक के कुछ हिस्सों में प्याज का नुकसान हुआ है. नाशिक क्षेत्र में मध्यंतर में बारिश हुई, लेकिन वहां पर प्याज का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. यह जानकारी छत्रपति शिवाजी मार्केट यार्ड के प्याज व्यापारी रितेश पोमन ने दी. नगर जिले के कर्जत, जामखेड, श्रीगोंदा परिसर में नये लाल प्याज का उत्पादन बडे पैमाने पर किया जाता है. पुणे जिले के शिरुल तहसील के किसान भी लाल प्याज का उत्पादन करते है. नये प्याज की बाजार में आवक शुरु हो गई है. दक्षिण राज्यों में भी महाराष्ट्र के लाल प्याज की डिमांड रहने की जानकारी पोमन ने दी.
लासलगांव बाजार में लाल प्याज की आवक बढी
देशभर के अलग-अलग इलाकों में प्याज की डिमांड की जाती है. नए लाल प्याज की आवक बाजार में बढ गई है. जिसे प्याज के दर स्थिर है. मध्यंतर में प्याज के दरों में उतार चढाव देखने को मिला था, लेकिन अगले एक से डेढ महिने में प्याज के दर स्थिर रहने की जानकारी लासलगांव बाजार समिति सभापति सुवर्णा जगताप ने दी. रविवार 28 नवंबर को पुराने प्याज को प्रति क्विंटल औसतन दाम 1750 रुपए के अलावा नये प्याज को प्रति क्विंटल 1800 रुपए दर मिला. नाशिक क्षेत्र में नये प्याज का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है.