महाराष्ट्र

युद्ध का असर, विदेश में पार्सल सेवा पहुंचने लग रहा समय

दिवाली पर कई परिवार अपने स्नेहीजनों को भेजते है फराल

मुंबई/दि.4– दिवाली पर्व के लिए कुछ ही दिन शेष रह गए है. इस पर्व के लिए विदेश में रहने वाले परिवारों को डाक से नाश्ता भेजा जा रहा है. लेकिन इस साल अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक स्थिति के कारण दिवाली का फराल पहुंचने में दोगुना समय लग गया, इसलिए दिवाली से पहले फराल पहुंचता या नहीं इसको लेकर शंका उत्पन्न हो रही है.

व्यवसाय- नौकरी अथवा शिक्षा के लिए विदेश में रहने वाले लोगों को दिवाली फरल भेजने की परंपरा बन गई है. इसीलिए फूड कंपनियां विदेश में स्नैक्स भेजने पर तरह-तरह की छूट देती हैं. अमेरिका, कनाडा, युरोप, ऑस्ट्रेलिया और खाडी देशों में स्नैक बडे पैमाने पर भेजे जाते है. मुंबई के निजी पार्सल कंपनियों की शाखा से रोजाना 60 से 70 किलो फराल दुनिया में भेजा जा रहा है. आमतौर पर 5-6 दिनों में संबंधित स्थान पर पहुंते है. लेकिन इजराईल-हमास युद्ध का असर पार्सल सेवा पर हो रहा है. पार्सल पहुंचने आठ से दस दिनों का समय लग रहा है. यूरोप-अमेरिका में भेजे जानेवाले सामान की कडाई से जांच की जा रही है, यह जानकारी निजी पार्सल कंपनी के कर्मचारी ने दी. दिवाली का फराल पहुंचने निश्चित कितना समय लगेगा, इसकी जानकारी नहीं होने से ग्राहकों में संभ्रम निर्माण होने की बात डीटीडीसी एक्सप्रेस कंपनी के शशिकांत परब ने कही. तथा कोई जोखीम न उठाकर ग्राहकों ने जल्द ही पार्सल भेजने की दृष्टी से नियोजन करने की सलाह तेज कुरीयर्स के संतोष खंडागले ने दी.

* कनाडा के साथ तनाव का असर
कनाडा में करीब 10 हजार महाराष्ट्रीयन नागरिक रहते हैं. हर साल उन्हें डाक से सामग्री भेजी जाती है. सामान्य स्थिति में सामान पांच-छह दिन में आ जाता है. हालांकि, कनाडा में खालिस्तानी नेताओं की हत्या को लेकर भारत पर लग रहे आरोपों के कारण दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. नतीजतन, भारत से भेजे जाने वाले सामान की कनाडा में गहन जांच की जा रही है. चूंकि इस निरीक्षण में समय लगता है, इसलिए समय पर सामग्री मिलना मुश्किल बताया जा रहा है. पार्सल पहुंचने में दोगुना समय लगता है.

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