मुंबई/ दि.१४ – साल 2014 में भाजपा सरकार सत्ता पर आयी. तब महाराष्ट्र पर 14,154.50 करोड रुपए बिजली बिल बकाया था. भाजपा सरकार के पांच सालों के दौर में यह बकाया 36,992 करोड से बढा. जिसके परिणाम स्वरुप बिजली बिल की बकाया 51,146.50 करोड हुआ, लेकिन अब यह बकाया 63,263 करोड हुआ है. इस रफ्तार से बकाया बढने लगा तो महावितरण कंपनी बंद करने की नौबत आन पड सकती है. यह प्रतिक्रिया वरिष्ठ सचिव ने जताई है.
इस गंभीर परिस्थिति पर उपाय ढुंढने के लिए मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उर्जामंत्री नितीन राउत सहित वरिष्ठ अधिकारियों की एक मैराथॉन बैठक मंगलवार को बुलाई है. बिजली विभाग पर अब कितना बकाया है, इस बारे में मुख्यमंत्री ने पूछताछ की तो उस समय राउत ने बताया था कि बकाया 60 हजार के आसपास है. लॉकडाउन के दौर में 1 अप्रैल से 30 अक्तूबर 2020 के अवधि में यह बकाया 8 हजार करोड से बढा. तत्कालीन उर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने उर्जामंत्री पद का पदभार संभालने के बाद किसानों को बिजली बिल नहीं भरने पर उनके बिजली कनेक्शन नहीं काटने की घोषणा की थी. जिससे 25 से 30 फीसदी कृषि पंपों को होने वाली बिजली बिल की वसूली भी पूरी तरह से बंद पड गई. जिसके परिणाम स्वरुप 10 हजार करोड का बकाया 40 हजार करोड पर पहुंच गया है. पुरानी वसूली जब तक नहीं होती तब तक नए बिल नहीं रोके जा सकते. इस स्थिति में सरकारी बिजली कंपनियों पर आने वाले दौर में ताला लगाने की नौबत आन पड सकती है.