
मुंबई/दि.5 – महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने राज्य में विद्युत वितरण करनेवाली महावितरण, टाटा, बेस्ट व अदानी कंपनियों की विद्युत दरों में औसत 2 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय घोषित किया है. यह दर कटौती आगामी 1 अप्रैल से लागू होगी. इस संदर्भ में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 30 मार्च 2020 को ही आदेश जारी करते हुए इंधन समायोजन शुल्क को कम करने का निर्णय लिया था. इस निर्णय का लाभ सर्वसामान्य विद्युत उपभोक्ताओं को मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि, विद्युत दरों में वृध्दि होने की वजह से सर्वसामान्य लोगों को आर्थिक बोझ का सामना करना पड रहा है. बकाया बिल के साथ-साथ विद्युत दरों को कम करने की मांग भी सर्वसामान्यों द्वारा की जा रही थी. वहीं इस बीच विद्युत बिल अदा नहीं करनेवाले उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन खंडित करने की कार्रवाई विद्युत कंपनियों द्वारा शुरू की गई थी. जिसे लेकर विपक्षी दलों द्वारा विरोध किये जाने पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि, जब तक इस विषय को लेकर सभागृह में चर्चा नहीं होती, तब तक किसी भी विद्युत उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन नहीं काटा जायेगा. ज्ञात रहे कि, राज्य में करीब साढे 3 करोड विद्युत उपभोक्ता है. जिन्हेें दो फीसद विद्युत दर कटौती का लाभ मिलेगा. जानकारी के मुताबिक महावितरण द्वारा घरेलू कनेक्शन के लिए एक प्रतिशत तथा व्यावसायिक कनेेेक्शन केे लिए दो से पांच प्रतिशत, बेस्ट द्वारा निवासी इमारतोें के लिए 0.1 प्रतिशत तथा व्यावसायिक कनेक्शन के लिए 0.3 से 2.7 प्रतिशत, अदानी द्वारा घरेलू कनेक्शन के लिए 0.3 प्रतिशत तथा व्यावसायिक कनेक्शन के लिए 1.4 से 1.6 प्रतिशत, टाटा द्वारा घरेलू कनेक्शन के लिए 4.3 प्रतिशत तथा व्यावसायिक कनेक्शन के लिए 1.1 से 5.8 प्रतिशत की दर कटौती की जायेगी.
-
फडणवीस सरकार की नीतियों से मिली राहत, राज्य सरकार ना ले श्रेय
– पूर्व उर्जामंत्री बावनकुले का कथन
राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिये गये निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व उर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार द्वारा तय की गई नीतियोें की वजह से ही राज्य के नागरिकों को अब बिजली सस्ती मिलेगी. ऐसे में मौजूदा सत्ताधारियोें ने दो प्रतिशत विद्युत दर कटौती का श्रेय लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए. बावनकुले के मुताबिक फडणवीस सरकार के कार्यकाल दौरान ही अगले पांच वर्षों में होनेवाले विद्युत उत्पादन व खरीदी संदर्भ में रिपोर्ट विद्युत नियामक आयोग के समक्ष पेश करने की पध्दति शुरू हुई. जिसके अनुसार अक्तूबर 2019 में यह रिपोर्ट आयोग के सामने रखी गयी. जिसे मार्च 2020 में आयोग द्वारा मंजुरी दी गई. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि, 1 अप्रैल 2021 से विद्युत दरों में दो फीसदी की कटौती की जा सकती है. ऐसे में फडणवीस सरकार द्वारा अपनायी गयी नीतियों के चलते अब प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि, फडणवीस सरकार ने सत्ता में रहते समय पांच वर्षों की कालावधी के दौरान उर्जा विभाग की नीतियों में बदलाव करते हुए लोडशेडिंग मुक्त महाराष्ट्र की संकल्पना साकार की और राजनीतिक हस्तक्षेप को परे रखते हुए सस्ती बिजली उपलब्ध करानेवाली कंपनियों से बिजली खरीदने का निर्णय लिया. जिसके चलते महावितरण व महापारेषण कंपनियों की कार्यक्षमता बढी और लगातार घाटे में चल रही कंपनियां फायदे में आयी.