महाराष्ट्र

कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बढेंगे रोजगार : गडकरी

किसानों को मिलने लगा है कृषि सुधार के नए कानूनों का लाभ : तोमर

नई दिल्ली/दि.16 – केंद्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंंत्री नितीन गडकरी ने कहा है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निकट भविष्य में काफी रोजगार बढेंगे. उन्होंने कहा कि, सरकार आगामी 5 साल में 5 करोड रोजगार सृजित करने का प्रयास कर रही है. गडकरी ने यह बात एग्रोविजन फाउंडेशन द्बारा आयोजित कृषि-खाद्य प्रसंस्करण समिट की अध्यक्षता करते हुए कही.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में लाए गए कृषि सुधार के नए कानूनों का लाभ किसानों को मिलने लगा है. गडकरी ने कहा कि, ग्रामीण उद्योगों का टर्नओवर 80 हजार करोड रुपए है, जिसे अगले 5 साल में 5 लाख करोड रुपए करने का लक्ष्य है. इसके लिए कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र में योजना के तहत काम हो रहा है. बंपर खाद्यान्न उत्पादन का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि, भारत में 280 लाख टन चावल है, जो हम विश्व को आपूर्ति कर सकते हैं.
नवाचार का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि, कृषि क्षेत्र में 2 लाख करोड रुपए की इकोनॉमी इथेनॉल से बनेगी, जिसमें से एक लाख करोड रुपए किसानों की जेब में जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, वर्ष 2030 तक भारत दुनिया का 5 वां सबसे बडा उपभोक्ता देश बनेगा, जिसके लिए भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र प्रगति कर रहा है. इसके विस्तार की योजना बनाई जा रही है. गडकरी ने प्याज के लिए विशेष स्टोरेज सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया ताकि भावांतर नहीं हो.

‘आंदोलनरत किसानों को समझाए जा रहे है नए कानून के फायदे’

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि, नए कृषि कानूनों का लाभ किसानों को मिलने लगा है. कुछ किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, जिन्हें किसानों को मिलने वाले फायदे समझाए जा रहे है. आने वाले वर्षों में कृषि जगत को इन सुधारों का काफी फायदा मिलेगा और किसानों के लिए ये अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) में 6 हजार करोड रुपए के आवंटन के साथ एक मजबूत आधुनिक बुनियादी ढांचा नेटवर्क तैयार करने का लक्ष्य रखा है. पीएमकेएसवाई के तहत मंत्रालय ने बीते 6 साल में 640 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से लगभग ढाई सौ पूरी हो चुकी है.

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