महाराष्ट्र

जिला मध्यवर्ती बैंक का सरकार की ओर से सशक्तिकरण

फसल कर्ज वितरण के लिए निधि देने की योजना

हिं.स./दि.२१
मुंबई-किसानों को फसल कर्ज देने को लेकर राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा नकारात्मक भूमिका लिए जाने से परेशान राज्य सरकार ने अब जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रीत किया है. जिसके अनुसार किसानों को निर्धारित समय पर फसल व अल्प अवधि का कर्ज जरुरत के समय पर दिलाने के लिए आर्थिक दुविधाओं में रहने वाली जिला मध्यवर्ती बैंक को सशक्तिकरण करने के लिए शक्कर कारखानों की तरह ही सरकार ने अर्थसहाय देने की योजना तैयार की है. इस संबध में राज्य सहकारी बैंक ने प्रस्ताव भी सरकार को पेश किया है. जिसके अनुसार इन बैंको को फसल कर्ज वितरण के लिए अवाश्यक निधि राज्य बैंक की ओर से दी जाएगी. यह जानकारी मंत्रालयीन सूत्रों से प्राप्त हुई है. यहां बता दे कि इससे पहले सहकारी बैंक की ओर से किसानों का कुल कर्ज वितरण में ७० फीसदी का सहयोग जिला मध्यवर्ती बैंक का रहता था. शेष ३० फीसदी में राष्ट्रीकृत और व्यापारी बैंक आपूर्ति करती थी. लेकिन मध्यांतर में राज्य की ३१ में से १६ से १७ जिला बैंक आर्थिक अडचनों में घिर गई जिसके बाद ७० फीसदी फसल कर्ज वितरण की जिम्मेदारी राष्ट्रीकृत बैंको पर सौंपने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया था. लेकिन बीते ५ से ७ वर्षो में विविध मार्गो से प्रयास करने पर भी राष्ट्रीयकृत बैंको द्वारा किसानों को फसल कर्ज नहीं दिया जा रहा है. वहीं जिला बैंक के पास पैसे नहीं रहने से कुछ जिले के किसानों को कर्ज के लिए साहूकारों के पास जाना पड रहा है. धुलिया, नंदूरबार, नासिक, जलगांव, सोलापुर, परभणी, हिंगोली , जालना, बीड , उस्मानाबाद, नांदेड यवतमाल, अमरवती, बुलढाणा, नागपुर, वर्धा आदि जिला मध्यवर्ती बैंक दुविधाओं में आ गई है. प्रशासक नियुक्ति के बाद बीते डेढ दो वर्षो मेे इनमें से कुछ बैंको की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. लेकिन अब भी कुछ जिलों में किसानों को फसल कर्ज वितरण करने की जिला बैंको की स्थिति नहीं है. इसलिए केंद्र सरकार के सहयोग से बैंक को नई संजीवनी देने की हलचले तेज कर दी गई है.

ऐसा है प्रस्ताव
शक्कर कारखानों को राज्य सरकार की ग्यारंटी पर राज्य बैंक कर्ज देती है. नाबार्ड की नीतियों के अनुसार नेटवर्थ (एनपीए)रहने वाले कारखानों को सरकार ग्यांरटी के बगैर कर्ज नहीं दे सकती इसलिए इन कारखानों की मदद के लिए सरकार ने उपमख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में समिती की स्थापना की है. इसी तरह दुविधा में घिरी जिला बैंक को सरकार की ग्यारंटी पर राज्य बैंक आर्थिक सहायता देगी. जिसमे से बैंक किसानों को फसल कर्ज का वितरण कर पाएगी. जिससे किसानों को कर्ज मिलेगा और बैंको को व्यवास मिलेगा. इसके अलावा इन बैंको को कारखानों की तरह ही कर्ज देने की तैयारियां राज्य बैंक ने शुरु की है. यह बैंक आर्थिक रुप से कमजोर रहने से उन्हें नाबार्ड की नीतियों के अनुसार मदद देते समय आने वाली बाधाओं को ध्यान में लेकर बैंक ने स्वयं निधि से यह सहयोग करने की तैयारी दर्शायी है. इसे लेकर एक प्रस्ताव सरकार को भेजे जाने की जानकारी राज्य बैंक के प्रशासक मंडल के अध्यक्ष विद्याधर अनासकर ने दी है.

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