प्रतिनिधि/दि.२३
नागपुर-सामान्य कर्जधारकों को बैंक कीा ओर से कर्ज प्राप्त करते समय अनेक पहलूओं का पालन करना पडता है. इतना ही नहीं तो कर्ज का हप्ता चुकाने में देरी होने पर वह भरने के लिए बैंक प्रबंधन की ओर से लगातार परेशान किया जाता है. अथवा संबंधित बकायादार पर कार्रवाईभी की जाती है. दूसरी ओर इन्हीं बैंको से हजारों करोडो का कर्ज लेने के बाद वह भरने में असमर्थता दिखाने वाले कर्जधारकों छूट दिए जाने की बात सामने आयी है. देशभर के कुछ कर्ज डूबोने वाले उद्योजकों की सूची में नागपुर के कुछ बडे उद्योजकों भी समावेश है. इन व्यवसायिकों से हालिया दौर में राष्ट्रीयकृत बैंक की ओर से दिए गए लगभग ढाई हजार करोड का कर्ज डूबोने का मामला सामने आया है. ऑलइंडिया बैंक एम्पलाइज एसो. इस बैेंक कर्मचारियों की राष्ट्रीकृत संगठन ने बैंक के राष्ट्रीयकरण दिवस पर बडे पैमाने पर वीलफुल्ल डिफालर्टस की सूची तैयार की है. जिनमें किंगफिशर एयरलाइंस, गीताजंली जेम्स, विनसम डायमंडस सहित कुछ बडे समूह सहित नागपुर के पदमेश गुप्ता के गुप्ता समूह, अभिजीत समूह, टॉपवर्थ गु्रप, रसोया प्रोटिनस का समावेश है. विशेष बात यह है कि, गुप्ता समूहों ने राष्ट्रीयकृत बैंक का सर्वाधिक १८०० करोड रुपयों का कर्ज डूबोया है. एआयबीइए की ओर से देशभर में कर्ज डूबोने वालों की सूची तैयार की गई है. जिसमें ५ करोड,२०० करोड और ५०० करोड की श्रेणी बनायी गई है. इस सूची में कौन से बैंक से कौन सा कर्ज लिया गया है. इसकी जानकारी दी गई है. इसी दरमियान नागपुर के कौन से समूह ने कौन से पद्धति से कर्ज डूबोया है. इसकी जानकारी अभ्यास करने के बाद अधिक विस्तार पूर्वक दी जा सकेगी.
नागपुर के डिफालर्टस
राष्ट्रीयकृत बैंक का सबसे ज्यादा कर्जा डूबोने वालों में पदमेश गुप्ता के गुप्ता कोल प्रायवेट लिमेटड का समावेश है. इस समूह द्वारा बैंक ऑफ इंडिया से ७०४ करोड वहीं पंजाब नेशनल बैंक से ३१९ करोड का कर्जा लिया था. यह कर्जा अब तक लौटाया नहीं गया है. वहीं व्यवसायिक मनोज जयस्वाल के अभिजीत समूह के जस इंफ्रा एंड पॉवर लिमेटेड कंपनी का भी समावेश है. इस समूह की कंपनियों पर १० हजार करोड का बकाया होने की जानकारी है. जस इंफ्रा कंपनी का बिजली प्रकल्प बिहार के बांका जिले में है. इसके लिए कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक और युको बैंक से लगभग ६३० करोड रुपयों का कर्जा लिया था. अभिजीत समूह की अन्य एक कंपनी कॉपरेट पॉवर लिमेटेड ने अलाहबाद बैंक की ओर से २०० करोड का कर्जा लिया था. वह भी अब तक लौटाया नहीं गया है. इसी तरह सूची में वरॉन एल्यूमिनियम का भी समावेश है. इस समूह द्वारा २९२ करोड का कर्जा लिए जाने की जानकारी है. नागपुर में वरॉन ऑटोकास्ट नामक प्रकल्प है. इसके अलावा २० से १५० करोड तक का कर्जा चुकाने वाले व अन्य छोटे बडे समूहो का समावेश है.
कानूनी कार्रवाई की जाए
सभी बकाया धारकों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के जरीए कार्रवाई की जाए, आवश्यकता पडने पर इसके लिए अलग से कानून भी तैयार की जाए यह मांग एआयबीइए के महासचिव टीएस व्यंकट चलम ने की है.