मुंबई/दि.13 – सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द किये जाने के बाद राज्य के मराठा समाज द्वारा बेहद आक्रामक भुमिका अपनायी गयी थी और सांसद संभाजीराजे छत्रपति ने भी सरकार पर निशाना साधा था. ऐसे में अब राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण के संदर्भ में एक बडा निर्णय लिया गया है. जिसमें कहा गया है कि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 5 मई 2021 को दिये गये फैसले के मद्देनजर शैक्षणिक व सामाजिक रूप से पिछडे ईएसबीसी संवर्ग के आरक्षण को मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा स्थगनादेश दिये जाने तक, यानी 14 नवंबर 2014 तक जिन आवेदकों को ईएसबीसी प्रवर्ग के तहत सरकारी सेवा में नियुक्ति दी गई है, उनकी नियुक्तियों को कायम रखा जायेगा.