महाराष्ट्र

नैतिकता और अर्थव्यवस्था ग्रामीण समृद्धि की रीढ है

केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी (Nitin Gadkari) की सलाह

  • दूसरी राष्ट्रीय सरपंच संसद का समापन

पुणे/दि.5 – अगर सरपंच नैतिकता, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और जलवायु पर जोर देंगे तो गांव समृद्ध होगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, खेल का मैदान, संस्कृति, आध्यात्मिकता और बाजारों पर कई तरह से विचार किया जाना चाहिए. सरकार की अधिकतम योजनाओं का उपयोग करके गांव का समग्र विकास किया जाना चाहिए. उन्हें अपना काम का ऑडिट करते रहना चाहिए. यह सलाह केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने सरपंचों को दी. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट द्बारा आयोजित दूसरे ऑनलाइन तीन दिवसीय राष्ट्रीय सरपंच संसद के समापन समारोह में वे बतौर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे. गडकरी ने कहा, जब एक गांव का कोई व्यक्ति किसी शहर में जाता है, तो बेरोजगारी की एक बडी समस्या होती है, ऐसे समय में गांव में ही उचित कौशल के आधार पर रोजगार का सृजन किया जाना चाहिए. राज्य में निर्मित 180 पुलों के स्थल पर जल योजनाओं के माध्यम से झीलों का निर्माण करने की योजना है.

संकट के समय भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था सीना तानकर खडी रही

केंद्रीय कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि, देश में ढाई लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों के माध्यम से सशक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है. देश में मुगल आए, अंग्रेज आए, लेकिन हमारे गांवों की व्यवस्था को क्षति नहीं पहुंचा पाए. यहां तक कि कोविड-19 के संकट काल में भी जब पूरी दूनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई, देश के कल-कारखाने बंद हो गए, लेकिन हमारी ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था सीना ताने खडी रही. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 13 वें वित्त आयोग के दौरान पांच वर्ष के लिए देश की ढाई लाख पंचायतों को 65 हजार करोड रुपए प्राप्त हुई थे, जबकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 14 वें वित्त आयोग के तहत गत 5 वर्षों में दो लाख करोड से ज्यादा धनराशि ग्राम पंचायतों के पास पहुंची है. केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा, सरपंच लोकतंत्र की सबसे मजबूत नींव है. जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ग्राम पंचायत आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रणाली का मूल तंत्र है. इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी, पूर्व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पद्मभुषण हुकुमदेव नारायण तोमर, सांसद पीपी चौधरी, पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप कुमार जैन आदित्य और बीएफ के ट्रस्टी किशोर ए चकुर विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित थे.

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