महाराष्ट्र

चुनावी नतीजों से पहले ही भाजपा में शुरु हुई ‘झाडाझडपी’

मतदान निपटते ही पार्टी ने लपेटी विस्तारक योजना

* निष्क्रिय लोगों को दिखाया जाएगा घर का रास्ता
मुंबई/दि.29– प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक-एक और संसदीय क्षेत्र में शामिल 6 विधानसभा क्षेत्र के लिए एक-एक ऐसे विस्तारकों की नियुक्ति प्रदेश भाजपा द्वारा की गई थी. परंतु लोकसभा चुनाव के खत्म होते ही इस योजना को लपेट दिया गया. वहीं पता चला है कि, विधानसभा चुनाव के लिहाज से इसकी पुनर्रचना की जाएगी और निष्क्रिय विस्तारकों को घर का रास्ता दिखाया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक भाजपा के सभी विस्तारकों की 2 दिवसीय बैठक उत्तन स्थित रामभाउ म्हाल्वी प्रबोधिनि में विगत 25 व 26 मई को हुई. जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पार्टी के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश, पूर्व सहसंगठन मंत्री वी. सतीश एवं विस्तारक योजना के प्रदेश पालक रघुनाथ कुलकर्णी द्वारा मार्गदर्शन किया गया. इस समय हर एक विस्तारक से 4-4 पन्नों का फीट बैक लिया गया और पार्टी और संगठन के स्तर पर प्रत्यक्ष प्रचार की क्या स्थिति थी. इसकी जानकारी भी प्रत्येक विस्तारक से ली गई.

* संगठन स्तर पर की जाएगी समीक्षा
विस्तारक योजना की पूर्ण समीक्षा अब पार्टी व संगठन के स्तर पर ली जाएगी. विस्तारकों का गुणांकन करने की जबाबदारी विभागीय संगठन मंत्रियों पर सौंपी गई थी.

इस गुणांकन के अनुसार अब बेहतरीन कार्य करने वाले विस्तारकों को दुबारा अवसर प्रदान किया जाएगा और पार्टी व संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी. वहीं निष्क्रिय रहने वाले विस्तारकों को घर का रास्ता दिखाया जाएगा.
यदि कुछ विस्तारकों द्वारा कोई अन्य जबाबदारी मिलने हेतु निवेदन किया जाता है, तो उसे लेकर भी विचार किया जाएगा. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान जिन विस्तारकों द्वारा अपेक्षा के मुताबिक काम नहीं किया गया है और जिन्हें लेकर शिकायतें प्राप्त हुई है, उनके नामों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा.

* क्या थी विस्तारक योजना?
– राज्य के 48 संसदीय क्षेत्रों में 48 लोकसभा विस्तारक व 288 विधानसभा विस्तारक नियुक्त किये गये थे.
– भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ताओं व स्थानीय पदाधिकारियों को उनके मूल लोकसभा व विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की बजाय विस्तारक के तौर पर अन्य लोकसभा क्षेत्र में भेजा गया था.
– इन विस्तारकों के पास पन्ना प्रमुख, 31 लोगों की बुथ समिति व 11 लोगों की तारे विभाजन समिति गठित करने की जिम्मेदारी थी.
– इन विस्तारकों को महिने में केवल 4 दिन अपने घर जाने और बाकी दिन निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र में काम करने का जिम्मा सौंपा गया था.
– शिंदे सेना व अजीत पवार गुट के निर्वाचन क्षेत्रों में भी भाजपा द्वारा लोकसभा व विधानसभा विस्तारक नियुक्त किये गये थे.

* प्रचार में रहने वाली त्रृटियों की रिपोर्ट होगी तैयार
– प्रदेश भाजपा ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ऐज प्रमुख की नियुक्ति से लेकर बूथ प्रमुख व कार्य विभाजन समिति ऐसी व्यापक नियंत्रणा खडी की थी.
– प्रत्यक्ष चुनाव में इस यंत्रणा का कितना फायदा हुआ, इसकी समिक्षा वरिष्ठ स्तर पर की जाएगी.
– प्रचार में कौनसी त्रृटिया रह गई, इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है, ऐसा सूत्रों द्वारा बताया गया है.
– इतडी बडी यंत्रणा खडी करने के बावजूद भी इसका प्रचार एवं मतदान वाले दिन कोई विशेष प्रभाव या असर दिखाई नहीं दिया, यह विशेष उल्लेखनीय है.

* विधानसभा के लिए पुनर्रचना
– विधानसभा चुनाव की दृष्टि से विस्तारक योजना की पुनर्रचना की जाएगी, जो जून माह के अंत तक पूरी हो जाएगी. जिसके चलते मौजूदा विस्तारकों को अगले निर्देश मिलने तक रुकने हेतु सूचित किया गया है.
– भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों, विभिन्न आघाडियों के प्रमुखों, जिलाध्यक्षों व तहसील अध्यक्षों के भी चुनाव संबंधित कामकाज की समीक्षा की जाएगी, ऐसी जानकारी भी सामने आयी है.

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