* मंगाए शिक्षाविदों से सुझाव
पुणे/दि. 22 – केंद्र शासन द्वारा देशभर में अपनाई गई नई शिक्षा नीति के कारण राज्य के शिक्षा मंडल ने अभ्यासक्रम का नया प्रारुप बनाया है. प्रारुप पर शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. इन सुझावों के आधार पर कोर्स का प्रारुप फाइनल कर उसे लागू किया जाएगा. इससे कक्षा 10 वीं और 12 वीं का परीक्षा पैटर्न बदलने की संभावना जानकारों ने व्यक्त की है. विशेष रुप से भाषा संबंधी विषयों में बडा अंतर आएगा.
* दो समूह में वर्गीकरण
राज्य कोर्स प्रारुप माध्यमिक स्तर पर दो समूह में वर्गीकरण किया गया. पहले स्तर में 9 वीं और 10 वीं एवं दूसरे स्तर में 11 वीं और 12 वीं इस प्रकार से 9 वीं और 10 वीं में दो भारतीय भाषाएं और एक विदेशी भाषा कोर्स में रहेगी. इसके अलावा गणित, संगणक, कला, सामाजिक, व्यावसायिक और आंतरविद्या शाखा के विषय होंगे. कक्षा 11 वीं, 12 वीं में विद्यार्थियों को कोर्स चुनने की छूट रहेगी. विद्यार्थियों का बोझ कम करने पर जोर रहेगा. दो भाषाएं पढनी पडेगी. जिसमें से एक भाषा भारतीय होनी चाहिए. दो समूह में चार विषयों का चयन करना पडेगा.
* सत्र परीक्षा पद्धति
परीक्षा में विद्यार्थियों का जोर कई बार विषय की पूरी जानकारी न लेते हुए केवल पाठांतर पर रहता है. इसलिए इस पद्धति के स्थान पर विद्यार्थियों विषय की कितनी जानकारी हुई है, इसका आकलन और वास्तविक जीवन में उसका कितना उपयोग किया जा सकता है, इसकी टेस्ट ली जाएगी. 10 वीं और 12 वीं एक्झाम अभी वार्षिक होती है. नया कोर्स प्रारुप लागू करने पर सत्र परीक्षा पद्धति का अवलंब करना प्रस्तावित है. यह परिवर्तन 2025-26 से लागू होंगे. विद्यार्थियों में 9 वीं से 12 वीं इन चार वर्षों में विचार, शिक्षा, प्रैक्टिस एवं सृजनशील अभिव्यक्ति में परिपक्वता लाने का प्रयास होगा.