महामारी से बढा है खर्च, पूरक मांग से होगा निधि का इंतजाम
इस लिए दो दिन का अधिवेशन बुलाना था जरुरी
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2019 में पेश हुई थीं 16120 करोड की पूरक मांगें
मुंबई /दि.5 – कोरोना संकट के बीच राज्य की महा आघाडी सरकार ने सिर्फ दो दिन का शीतकालीन सत्र आयोजित करने का फैसला लिया है. पहले सरकार की योजना बजट के साथ ही शीतकालीन सत्र आयोजित करने की थी लेकिन पूरक मांगों के जरिए खर्च के लिए इंतजाम करने के लिए दो दिन का अधिवेशन बुलाना पडा है.
आगामी 14 दिसंबर को सत्र के पहले दिन शोक प्रस्ताव के साथ ही पूरक मांगे पेश कर दी जाएंगी. दूसरे और अंतिम दिन इसे पारित भी करा लिया जाएगा. पूरक मांगों के साथ ही सात विधेयक, अध्यादेश भी पेश किए जाएंगे. पिछले साल विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य की ठाकरे सरकार ने 16 हजार 120 करोड की पूरक मांगे पेश की थी. नवंबर 2019 में राजनीतिक संकट के बाद बनी तीन दलों की सरकार ने पहले अधिवेशन में सबसे ज्यादा पुरक मांगे मदद व पुनर्वसन विभाग की थी. इस बार भी राज्य को अतिवृष्टि, तूफान के साथ-साथ वैश्विक कोरोना संकट का सामना करना पडा है. कोरोना के चलते जहां राज्य का राजस्व प्रभावित हुआ है, वहीं खर्च में बढोत्तरी हुई है. सरकार के एक मंत्री ने बताया कि, पहले शीतकालीन सत्र का आयोजन बजट सत्र के साथ करने पर विचार किया गया था. लेकिन नियमानुसार विधानमंडल के दो सत्रों के बीच 6 माह से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए.